ठाकुरगंगटी: दीपा मेहता के समलैंगिक प्रेम पर आधारित फिल्म फायर की कहानी से सभी परिचित हैं. कुछ इसी तरह की घटना गोड्डा जिले के ठाकुरगंगटी प्रखंड के छोटे से गांव फुलवरिया में हुई. यहां दो सहेलियों ने पूरी जिंदगी साथ रहने का फैसला लिया और विवाह बंधन में बंध गयीं.
झारखंड में यह पहली घटना है, जब दो आदिवासी युवतियों ने आपस में शादी की है. मारशिला मरांडी (19) व तालामय बेसरा (17) ने अपने-अपने परिवार की रजामंदी से विवाह किया. मुखिया ने भी इस शादी पर अपनी सहमति दी. मारशिला विवाह में दूल्हा के समान सजी थी, जबकि तालामय दुल्हन जैसी.
कहां हुई शादी
फुलवरिया गांव की रहनेवाली मारशिला मरांडी ने गांव की तालामय बेसरा से दियरा गांव के मांझी थान में शुक्रवार को ब्याह रचायी. मौके पर मारशिला के पिता ध्रुव मरांडी व तालामय के पिता हरि प्रसाद बेसरा पंचायत की मुखिया सलोमी मुर्मू, शिक्षक सुरेश मरांडी, पटवारी हांसदा, जितू किस्कू, सुनील मरांडी सहित गांव के अन्य लोग उपस्थित थे. सभी ने समलैंगिक जोड़े को आशीर्वाद दिया.
मिशन में की पढ़ाई
दोनों की पढ़ाई कुसमा गांव के मिशन में हुई है. मारशिला इंटर तक पढ़ी है, जबकि तालामय नौंवी की छात्र है. दोनों के बीच समलैंगिक संबंध करीब चार माह पहले हुए. आपस में प्रगाढ़ प्रेम संबंध के बाद दोनों ने साथ जीने-मरने की शपथ खायी और परिवार को विश्वास में लेकर परिणय सूत्र में बंध गयीं.
बिहार में भी हुई थी ऐसी शादी
बिहार के पटना के फुलवारी शरीफ में भी इसी तरह की घटना घटी थी, जब दो सहेलियों ने आपस में शादी रचा ली. दोनों घर से भाग कर अलग रहती थी. इन्हें पुलिस ने रोहतास जिले के सासाराम धर्मशाला से पकड़ा था. जहां एक की मांग में सिंदूर व दूसरी पुरुष की पोशाक में थी. इस मामले में फुलवारी शरीफ थाने में एक मामला भी दर्ज किया गया था. दोनों नर्सरी से लेकर 12वीं तक एक साथ पढ़ाई की थी. इसी दौरान उनमें गहरी दोस्ती हो गयी. सीमा शुरू से ही पुरुषों के लिबास पहनती थी. चार अक्तूबर को ये दोनों लड़कियां घर से भाग गयी थी.