रांची: झारखंड में सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से दिल्ली में मुख्य सचिव राजीव गौबा ने दिल्ली में सूचना एवं तकनीकी क्षेत्र से जुड़े कई विशिष्ट लोगों के साथ बैठक की. उनको बताया कि डिजिटल इंडिया तथा मेक इन इंडिया कार्यक्रमों की सफलता के लिए झारखंड सरकार जमीन पर काम शुरू कर चुकी है.
अगले चार सालों में आइटी में होने वाले कार्यों से संबंधित विस्तृत रोडमैप तैयार कर लिया गया है. श्री गौबा ने कहा कि झारखंड सरकार वैश्विक संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं, नेसकम, मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया व सेमी कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग एसोसियेशन के साथ मिलकर लक्ष्य पूरा करना चाहती है. झारखंड में उद्योग के विकास के लिए तकनीक का इस्तेमाल करना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार आइटी एडवाइजरी बोर्ड का गठन भी कर रही है. बोर्ड में शिक्षा एवं उद्योग के क्षेत्र से नामी–गिरामी लोग होंगे.
बैठक में उद्यमियों ने माना कि झारखंड में काफी संभावनाएं हैं. झारखंड के युवाओं का कौशल विकास कर राज्य को सूचना तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनाने पर चर्चा हुई. बाद में श्री गौबा ने बताया कि झारखंड के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उससे संबंधित निर्माण के क्षेत्र में सरकार गंभीर है.
सरकार, उद्योग एवं अकादमी की बैठक व्यक्ति, राज्य एवं आइटी इंडस्ट्री सभी के हित में है. इस कड़ी में अगली बैठक 23 नवंबर को होगी. इसमें राज्य की आईटी नीति को विकसित करने पर विचार किया जायेगा. बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी टेलीकॉम सेक्टर डॉक्टर एसपी कोचर, कार्यकारी निदेशक मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया अनवर सिरपुरवाला, काउंसिल ऑफ इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग ऑफ कर्नाटक उमा रेड्डी, आईआइटी रूढ़की के प्रोफेसर विनय नांगिया, एमडीआई गुड़गांव के प्रोफेसर एम जायसवाल के अलावा ओरेकल, माइक्रोसॉफ्ट एवं आईबीएन जैसी ग्लोबल संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.