रांची : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधि-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा है़. श्री मरांडी ने कहा है कि रघुवर दास सरकार का 10 महीना पूरा होने वाला है़. सरकार के कामकाज से आम आदमी नाउम्मीद है़. सरकार लॉ एंड आर्डर के मामले में विफल रही है़ हत्याओं का दौर जारी है़.
पिछले वर्ष से तुलना करें, तो अापराधिक घटनाओं में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है़ श्री मरांडी मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे़ उन्होंने कहा कि उग्रवाद भी पूरे राज्य में फैल चुका है़ गोड्डा जैसा जिला भी अब उग्रवाद की चपेट में है़ सरकार उग्रवादी घटनाएं कम होने का दावा करती है, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और है़ उग्रवादियों को मैनेज और लेवी दिये बिना ग्रामीण इलाके में काम करना मुश्किल है़.
मोदी का नारा खोखला
झाविमो नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय नारा दिया था कि सबका साथ, सबका विकास़ यह वादा महज खोखला नारा बन कर रह गया है़ समाज में एक वर्ग विशेष के बीच आतंक और भय का माहौल है़ राज्य और केंद्र में जब से बीजेपी की सरकार बनी है, हर जगह सांप्रदायिक तनाव हो रहे है़ं राज्य का कोई ऐसा जिला नहीं है, जहां सांप्रदायिक तनाव ना हुआ हो़ ऐसा लग रहा है कि सांप्रदायिक तनाव बढ़ाना सरकार का एजेंडा है़ सुनियोजित तरीके से सबकुछ हो रहा है़ सरकार मूकदर्शक बनी हुई है़.
किसी विभाग में बिना पैसा दिये नहीं होता काम
श्री मरांडी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा करती है़, लेकिन सच्चाई यह है कि किसी भी विभाग में बिना पैसा दिये, लोगों का काम नहीं हो रहा है़ सरकारी अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त है़ सरकार में गलत परंपरा चल रही है़ माइनिंग विभाग में तीन-तीन सचिव बदल गये़ झारखंड भवन में राज्य के तीन सीनियर आइएएस पदस्थापति है़ं राज्य के अधिकारियों के घर बिजली के मीटर नहीं है़ं कार्रवाई करने वाले अफसर का तबादला हो जाता है़ विभाग नेता-अफसर को 15 नवंबर तक मीटर लगा लेने का समय देता है़ वहीं आम आदमी पर बिजली चोरी का मुकदमा चलाया जाता है़ मौके पर पार्टी नेता सुनील साहू और संतोष कुमार भी मौजूद थे़.
मां को फोन किया, तो मालूम हुआ कितनी भायवह स्थिति है
झाविमो नेता श्री मरांडी ने कहा कि पूरे राज्य में पानी की भयावह स्थिति है़. पिछले दिनों गांव में मां को फोन कर जानना चाहा कि इस बार आलू खेत में लग रहा है या नही़ं मां ने बताया कि आलू लगाना मुश्किल है़ . खेत और बारी में नमी नहीं है़ हल नहीं चल रहे है़ं . आलू पहले लगाया गया था, वह भी मर रहा है़ . मरांडी ने कहा कि भयावह स्थिति है़ इस बार आलू की भी किल्लत होने वाली है़. खेतों में पानी नहीं है़ सरकार की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है़ . जल स्रोत सूख रहे है़ं अक्तूबर महीने में पानी की राशनिंग हो रही है़ सरकार को इस दिशा में जल्द से जल्द पहल करनी चाहिए़