रांची : ग्रामीण सड़कों का काम करनेवाली केंद्रीय एजेंसियों का करीब 165 करोड़ रुपये बकाया है. यानी इतनी राशि का काम हो गया है, पर इसके विरुद्ध भुगतान नहीं हुआ है. मई के बाद से एजेंसियों को राशि नहीं मिली है. नतीजन सारा काम ठप हो गया है. कहीं भी कोई काम नहीं हो रहा है.
राशि के अभाव में ठेकेदारों का पैसा फंसा हुआ है. वहीं मजदूरों व मेटेरियल सप्लायरों को भी पैसा नहीं मिला है. इस वजह से सड़क पर काम करनेवाले मजदूरों में आक्रोश है. उनके आक्रोश की वजह से सड़क बनानेवाली एजेंसी कार्य स्थल पर नहीं जा पा रही है. सड़क की मॉनिटरिंग भी नहीं हो पा रही है.
एजेंसियों ने की राशि की मांग: यहां पीएमजीएसवाइ की सड़कों पर चार केंद्रीय एजेंसी एचएससीएल, एनबीसीसी, एनपीसीसी व इरकॉन काम कर रही है. एजेंसियों ने बकाये को लेकर नेशनल रूरल रोड डेवलपमेंट अथोरिटी (एनआरआरडीए) को पत्र लिखा है. आग्रह किया है कि बकाये का भुगतान कराया जाये. इससे राज्य सरकार को भी अवगत कराया गया है.
लटक सकती है सारी योजनाएं: जितनी भी योजनाअों पर काम बंद है, धीरे-धीरे उसकी स्थिति और खराब होती जा रही है. पांच- छह माह से काम बंद है. ऐसे में अर्धनिर्मित सड़क जर्जर होती जा रही है. अब नये सिरे से इसके निर्माण में निर्धारित इस्टीमेट से ज्यादा पैसा लगेगा. इस स्थिति में इस्टीमेट का पुनरीक्षण संभव नहीं होगा. अगर इस्टीमेट से ठेकदार काम करेंगे, तो उन्हें नुकसान हो सकता है. इस वजह से वे लोग भी काम करने से कतरायेंगे. नतीजन राज्य में सड़कों का काम फंसने की संभावना रहेगी.
चल रही है जांच भी
केंद्रीय एजेंसियों के कार्यों की जांच चल रही है. गुमला में हुई जांच में कई तरह की गड़बड़ियां पायी गयी. सड़क निर्माण में अनियमितताएं बरती गयी थी. इस पर कार्रवाई के लिए भी लिखा गया है. विभागीय अभियंताअों ने बताया कि केंद्र से पैसा नहीं मिलने की वजह से केंद्रीय एजेंसियों को भी राशि नहीं दी जा सकी है.
सारंडा व सरयू भी प्रभावित
मौजूदा स्थिति में सारंडा व सरयू की योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं. इन दोनों जगहों पर विकास के लिए डेवलपमेंट प्लान चलाया गया था. सारंडा में काफी हद तक काम हो गये हैं. सरयू में काम चल रहा था. इस बीच राशि का अभाव हो गया. ऐसे में किसी तरह यहां काम खींचा जा रहा है.