रांची: राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ लेने के लिए झारखंड में ही बना जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य है. राज्य के बाहर से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के साथ भरा गया नामांकन मान्य नहीं होगा. आरक्षण का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र के संबंध में बहुतायात में की जा रही पूछताछ के बाद आयोग ने यह साफ किया है कि स्थानीय स्तर पर बनाये गये जाति प्रमाण पत्र के बिना चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.
बहुओं को भी राज्य में ही बनाना होगा प्रमाण पत्र: झारखंड में शादी कर बसने वाली दूसरे राज्यों की बहुयें भी आरक्षण का लाभ ले सकती हैं. लेकिन, इसके लिए उनको भी झारखंड से ही जाति प्रमाण पत्र बनवाना होगा. इस तरह की परिस्थिति में बहुओं को अपने गृह राज्य के सक्षम अधिकारी द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र पेश कर झारखंड के संबंधित जिले (जहां की वजह मतदाता हों) में सक्षम पदाधिकारी से प्रमाण पत्र लेना होगा. राज्य से निर्गत उसी जाति प्रमाण पत्र के जरिये बहुओं को आरक्षण का लाभ मिलेगा.
राज्य की सूची में शामिल जातियों को ही मिलेगा आरक्षण का लाभ
पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ केवल उन जातियों को ही मिलेगा, जो झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग की सूची में शामिल हैं. देश के अन्य राज्यों में सूचीबद्ध एसटी या एससी जातियों को राज्य में हो रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. उदाहरण के लिए मीना को राजस्थान सरकार अनुसूचित जनजाति मानती है. राजस्थान में मीना जाति की कोई महिला जिसने झारखंड के आदिवासी के साथ विवाह किया हो, वह राजस्थान में बना जाति प्रमाण पत्र पेश करने के बाद भी झारखंड से आदिवासी होने का जाति प्रमाण पत्र नहीं ले सकेगी. इस तरह उनके पास पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ उठाने की पात्रता नहीं होगी.