प्रकृति से जुड़ कर भविष्य बनाएं साइंस का क्षेत्र कैरियर के लिहाज से काफी विस्तृत है़ इसमें इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा भी कई सेक्टर हैं. इसमें एनवायर्नमेंटल साइंस बड़ा सेक्टर है़ एनवायर्नमेंटल साइंस पर्यावरण पर इंसानी गतिविधियों से होने वाले असर का अध्ययन करता है़ जिस गति से पर्यावरण में बदलाव होने लगे हैं, ऐसे में एनवायर्नमेंटल साइंटिस्ट की मांग भी बढ़ने लगी है़ यह मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है़ प्रकृति से जुड़ाव रखनेवालों के लिए इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. कौन हैं एनवायर्नमेंटलिस्टएनवायर्नमेंट साइंस पर्यावरण सुरक्षा संबंधी कार्य साइंस व इंजीनियिरग के विभिन्न सिद्धांतों के प्रयोग से आगे बढ़ता है. एक तरह से देखा जाये, तो एनवायरमेंटलिस्ट का कार्य रिसर्च ओरिएंटेड होता है. इसमें उसे प्रशासनिक, सलाहकार व सुरक्षा तीनों स्तरों पर काम करना पड़ता है.क्या हे योग्यताएनवायर्नमेंटल साइंस में स्नातक करने के लिए 11वीं-12वीं में पीसीबी(फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी) होना आवश्यक है़ इसके साथ आपको बाद में एनवायर्नमेंटल साइंस या बायोलॉजी से एमएससी भी करनी होगी. अगर आप एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, तो 12वीं में मैथ्स होनी जरूरी है.एनवायर्नमेंट साइंस में अवसरसाइंटिस्टरिसर्चरइंजीनियरकंजरवेशनिस्टकंप्यूटर एनालिस्टलैब असिस्टेंटजियो साइंटिस्टप्रोटेक्शन एजेंटएनवायर्नमेंटल जर्नलिस्टआवश्यक योग्यताजिन स्टूडेंट्स की एनवायर्नमेंटल साइंस में रुचि है, उन्हें कुदरत से प्यार होना चाहिए. कैरियर में ऊपर तक पहुंचने के लिए उनकी कम्यूनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए. टेक्नोलॉजी का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए. इसके साथ ही समस्या को समझ कर उसे डिफाइन करने की क्षमता, डेटा जमा करने और उसका विश्लेषण करने की क्षमता जैसे गुण भी जरूरी हैं.रोजगार की संभावनाएंकई सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियां, एनजीओ, फर्म और कॉलेज हैं, जहां इस क्षेत्र के प्रोफेशनल्स को कई पदों पर काम मिलता है. वेस्ट ट्रीटमेंट इंडस्ट्री, रिफाइनरी, डिस्टिलरी, माइंस फर्टिलाइजर प्लांट्स, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री व टेक्सटाइल मिल्स में एनवायर्नमेंटल साइंटिस्ट के रूप में नौकरी मिलती है. रिसर्चर, एनवायर्नमेंटल जर्नलिस्ट व टीचर के रूप में भी कई कंपनियां जॉब देती हैं.प्रमुख संस्थान- दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एनवॉयर्नमेंटल मैनेजमेंट, मुंबई- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, इंदौर
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प्रकृति से जुड़ कर भवष्यि बनाएं
प्रकृति से जुड़ कर भविष्य बनाएं साइंस का क्षेत्र कैरियर के लिहाज से काफी विस्तृत है़ इसमें इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा भी कई सेक्टर हैं. इसमें एनवायर्नमेंटल साइंस बड़ा सेक्टर है़ एनवायर्नमेंटल साइंस पर्यावरण पर इंसानी गतिविधियों से होने वाले असर का अध्ययन करता है़ जिस गति से पर्यावरण में बदलाव होने लगे हैं, […]
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