रांची : कांग्रेस के अंदर खाने में खेल बनाने नहीं, बिगाड़ने का चल रहा है़ लोहरदगा में कांग्रेस पार्टी, नहीं सुखदेव भगत चुनाव लड़ रहे है़ं. पार्टी के कई बड़े नेता सुखदेव भगत के खिलाफ ही लॉबिंग कर रहे है़ं. विरोधियों को हवा देने में लगे है़ं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए दूसरे दलों से निबटना जितनी बड़ी चुनौती है, वैसी ही चुनौती अपने खेमे में है़.
सुखदेव को अपने बूते लोहरदगा की जमीन बचानी होगी़ पिछले दो चुनाव से शिकस्त खा रहे सुखदेव के लिए एक मौका हाथ लगा है़. यही कारण है कि संगठन का कामकाज छोड़ कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी सुखदेव पिछले कई महीने से लगातार लोहरदगा में पसीना बहा रहे है़ं पूरे चुनावी अभियान का जिम्मा अपने पास रखा है़ इस बार वह सभी समीकरण को संतुलित करने में लगे है़ं पिछले चुनाव में हुई चूक को दुरुस्त कर रहे है़ं लोहरदगा में नाराज चल रहे लोगों को बहलाने-फुसलाने का काम कर रहे है़ं.
धीरू-रामेश्वर हुए दूर: राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, जिनकी लोहरदगा इलाके में धीरू बाबू के नाम से पहचान है, फिलहाल सुखदेव भगत के चुनावी अभियान से दूर है़.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत से छत्तीस का गणित रहा है़ हालांकि सुखदेव ने सांसद से मिल कर गिले-सिकवे दूर करने का प्रयास किया़ धीरज साहू की पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु से नजदीकी है़ उधर लोहरदगा से सांसद रहे रामेश्वर उरांव की भी सुखदेव से नहीं बन रही है़ श्री उरांव की भी इलाके में पैठ है़.
झामुमो का समर्थन हासिल करने की कोशिश
कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी सुखदेव भगत लोहरदगा उपचुनाव में झामुमो का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे़ कांग्रेस एकबार फिर झामुमो की ओर हाथ बढ़ायेगी़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री भगत इसके लिए पार्टी के केंद्रीय नेताओं को आगे करेंगे़ वह प्रदेश प्रभारी बीके हरि प्रसाद के साथ झामुमो से बातचीत का प्लॉट तैयार कर रहे है़ं उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो ने लोहरदगा से उम्मीदवार दिये है़ झामुमो उम्मीदवार ने लगभग 13 हजार वोट लिये थे़