33.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

10-12 परिवारों ने मिल कर शुरू किया था रावण दहन

10-12 परिवारों ने मिल कर शुरू किया था रावण दहनसंदीप नागपाल की भी तसवीर लगेगी, साथ में पुरानी तसवीर भी हैसंदीप नागपालरांची में रावण दहन का पुराना इतिहास रहा है़ पश्चिम पाकिस्तान के कबायली इलाके बन्नू शहर से आये रिफ्यूजी ने रावण दहन की शुरुआत की़ मेन रोड डाक घर के सामने प्रांगण में 10-12 […]

10-12 परिवारों ने मिल कर शुरू किया था रावण दहनसंदीप नागपाल की भी तसवीर लगेगी, साथ में पुरानी तसवीर भी हैसंदीप नागपालरांची में रावण दहन का पुराना इतिहास रहा है़ पश्चिम पाकिस्तान के कबायली इलाके बन्नू शहर से आये रिफ्यूजी ने रावण दहन की शुरुआत की़ मेन रोड डाक घर के सामने प्रांगण में 10-12 परिवार के सदस्यों ने पहला रावण दहन कार्यक्रम किया़ एक छोटे से आयोजन ने आज वृहद रूप ले लिया है़ उस समय रांची व आसपास के लोगों ने पहली बार रावण दहन देखा़ रावण दहन के दिन पंजाबी गाजे-बाजे व कबायली ढोल-नगाड़े के बीच तीन-चार सौ लोगों ने शाम को रावण में अग्नि प्रज्जवलित कर दहन किया़ फिर वर्ष 1953 के बाद रावण के पुतले का मुख्य मुखौटा मानव मुख होने लगा़ इससे पहले पंजाब के तमाम शहरों में रावण का मुखौटा गधे का होता था़ वर्ष 1949 तक रावण के पुतले का निर्माण मेन रोड स्थित डिग्री कॉलेज के बरामदे में हुआ़ वहीं वर्ष 1950 से लेकर वर्ष 1955 तक रावण के पुतलों का निर्माण रेलवे स्टेशन स्थित खजुरिया तालाब के पास रेस्ट कैंप में होने लगा़ तब रावण के पुतले की ऊंचाई 35 फीट हो गयी़ निर्माण का सारा खर्च स्व लाला मनोहर लाल, स्व टेहल राम मिनोचा व स्व अमीर चंद सतीजा ने किया़ इस बीच जब लाला खिलदा राम भाटिया का निधन हो गया, तब अशोक नागपाल व शादी राम भाटिया पुतलों का निर्माण करने लगे़ इन दाेनों ने 10-12 वर्षों तक रावण के पुतलों का निर्माण किया़ वर्ष 1950 से लेकर 1955 तक रावण के पुतलों का दहन बारी पार्क में होने लगा़ वर्ष 1960 से रावण दहन मोरहाबादी मैदान में होने लगा, जो आज तक जारी है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें