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सिकल सेल एनिमिया की पहचान 15 नवंबर से

सिकल सेल एनिमिया की पहचान 15 नवंबर से वरीय संवाददाता, रांचीराज्य के जनजातीय इलाके में सिकल सेल एनिमिया की पहचान का काम 15 नवंबर से शुरू होगा. यह निर्णय बुधवार को स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम संबंधित इलाके के स्कूल-कॉलेजों में इस रोगी की पहचान करेगी. […]

सिकल सेल एनिमिया की पहचान 15 नवंबर से वरीय संवाददाता, रांचीराज्य के जनजातीय इलाके में सिकल सेल एनिमिया की पहचान का काम 15 नवंबर से शुरू होगा. यह निर्णय बुधवार को स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम संबंधित इलाके के स्कूल-कॉलेजों में इस रोगी की पहचान करेगी. राज्य स्थापना दिवस के दिन मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम का उदघाटन करेंगे. सिकल सेल एनिमिया से प्रभावित लोगों को इससे संबंधित प्रमाण पत्र (कार्ड) भी दिये जायेंगे. सेल से अप्रभावित लोगों को सफेद कार्ड, इसके लक्षण से प्रभावित लोगों को सफेद-पीला कार्ड तथा सेल से पूरी तरह प्रभावित लोगों को पीला कार्ड निर्गत किया जायेगा. इस कार्ड का इस्तेमाल शादी-विवाह के वक्त किया जा सकेगा. सिकल सेल एक ऐसी वंशानुगत बीमारी है, जिससे मनुष्य के हिमोग्लोबिन में परिवर्तन होता है. इस बीमारी के दो प्रकार हैं-एक सिकल सेल लक्षण व दूसरा सिकल सेल बीमारी. यह बीमारी लाइलाज है. पति-पत्नी दोनों सिकल हों, तो बच्चे में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है. सामाजिक जागरूकता से ऐसी शादी टाल कर इस पर रोकथाम संभव है. यानी सिकल सेल प्रभावित दो नौजवानों को एक गोत्र मान कर शादी से बचना होगा. जनजातीय समुदाय में ममेरे-फुफेरे व ऐसे ही रिश्तेदारी में भी शादियां होती हैं. इससे भी सिकल सेल बीमारी को बढ़ावा मिलता है.

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