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बंगाली समुदाय के हर घर में होता है फूड फेस्टिवल

बंगाली समुदाय के हर घर में होता है फूड फेस्टिवलफोटो लाइफ में बंगाली पूजा टू फोल्डर में पूजा में है उपहार देने की है विशेष परंपरा बंगाली समुदाय में त्योहारों में खान पान का विशेष आयोजन किया जाता है़ दुर्गा पूजा की प्रतीक्षा तो वर्ष भर की जाती है. पूजा के पूर्व उपहार देने की […]

बंगाली समुदाय के हर घर में होता है फूड फेस्टिवलफोटो लाइफ में बंगाली पूजा टू फोल्डर में पूजा में है उपहार देने की है विशेष परंपरा बंगाली समुदाय में त्योहारों में खान पान का विशेष आयोजन किया जाता है़ दुर्गा पूजा की प्रतीक्षा तो वर्ष भर की जाती है. पूजा के पूर्व उपहार देने की भी परंपरा है़ गरीब व अमीर हर वर्ग के लोग छोटे व बड़ों को कपड़े उपहार देते है़ं महिलायें एक दूसरे को उपहार स्वरूप साड़ी भेंट करती है़ं हर महिला अपने लिए कम से कम चार से छह पूजा स्पेशल साड़ियां खरीदती है़ं उपहार देने के लिए कम भी दर्जनों साड़ियां खरीदती हैं. पूजा के दौरान हर दिन नये वस्त्र में मां को पुष्पांजलि अर्पित करती है़ं दोस्तों और रिश्तेदारों को भी कपड़े देने का रिवाज है़ संपन्न परिवारों में गहनों का भी आदान प्रदान होता है़ मां भवानी के पास सोने के गहनों काे धारण कर पूजा करने से मां प्रसन्न होती है़ं पूजा के दौरान महालया के दिन से ही घर पर पकवान और व्यंजन बनने लगते है़ं हर दिन नाना प्रकार की मिठाई और व्यंजन बनाये जाते है़ं रसगुल्ला खाने का हर दिन का मुख्य डेजर्ट होता है़ पश्चिम बंगाल के लोग अष्टमी के दिन चावल नहीं खाते़ पर हर दिन मछली का बनना शुभ माना जाता है़ वहीं पूजा के दौरान कच्चू साग खाना भी शुभ मानते है़ं छेना का दालना, छेना की सब्जी आलू दम लुची आवश्यक रूप से हर घर में बनाया जाता है़ मिष्टी दोइ भी खाने का मुख्य मीनू होती है़ बंगाली समुदाय में जिन घरों में कलश स्थापना होती है, वहां बिना लहसुन और प्याज के मछली के व्यंजन बनते है़ं विजय दशमी के दिन पूंठी मांछ व हिलसा मछली खाने की परंपरा है़ वहीं नवमी के दिन तो अावश्यक रूप से मछली खाने का रिवाज है़ ये व्यंजन होते हैं मुख्य फिस करी, लूची, चना डाल नारियल दिये, सुक्तो, आलू पोस्तो, झिंगा पोस्ता, भापा इलिश, चिंगड़ी माछेर पटल पूर इलिश माछेर झाेल,पायस, पटल बेगून भाजा़ मिली सरकार मैं पूजा के अवसर पर महालया से लेकर दशमी तक कई तरह के व्यंजन बनाती हूू़ं हमारे यहां मछली आवयक रूप से बनायी जाती है़ पूजा के दौरान बंगाली रेसिपी बनाती हू़ं रिश्तेदारों को उपहार देने के लिए खरीदी है 50 साड़ियां : भाषती मिश्रा मैं पूजा के अवसर पर अपने रिश्तेदारों को उपहार देती हू़ं मैंने अपने रिश्तेदारों के लिए 50 साड़ी खरीदी है़ पूजा के अवसर पर सबको उपहार देने पश्चिम बंगाल जा रही हू़ं नौ दिनों तक उत्सव :एस के पाल हम रांची एक्स रे परिवार के नाम से जाने जाते है़ हम संयुक्त परिवार में रहते है़ं हमारे जांच घर का एक एक स्टाफ हमारे परिवार के समान है़ नौ दिन देवी की पूजा के साथ भोजन पर जोर रहता है़ हर तरह के बंगाली व्यंजन बनाये जाते है़ं वहीं घर के हर सदस्य के लिए उपहार स्वरुप नये कपड़ों की खरीदारी होती है़ चार बहनें बनाती हैं चार तरह के पकवान : सोमा पूजा के अवसर पर हम चारों बहनें अपने मायके में जुटती है़ं चारों बहनें चार तरह के पकवान बनाती है़ं हम सब एक दूसरे काे उपहार भी देती है़ं साड़ी, गहने, कपड़े, होम डेकोर और मिठाई के पैकेट से घर भर जाता है़ घर में सब मिल कर दुर्गोत्सव मनाते है़ं

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