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विकास के लिये सरकार, निजी क्षेत्र और सिविल सोसाइटी के बीच साझेदारी जरूरी : डॉ मूलर

विकास के लिये सरकार, निजी क्षेत्र और सिविल सोसाइटी के बीच साझेदारी जरूरी : डॉ मूलरपारावैट के सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देने केजीवीके पहुंचे जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्रीवरीय संवाददाता, रांची उषा मार्टिन, डब्लूएचएच, जीआइजेड एवं केजीवीके द्वारा ग्रीन कॉलेज अंतर्गत चलाई जा रही पारावेट, डेयरी उद्यमी एवं उन्नत कृषि के कार्यक्रमों […]

विकास के लिये सरकार, निजी क्षेत्र और सिविल सोसाइटी के बीच साझेदारी जरूरी : डॉ मूलरपारावैट के सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देने केजीवीके पहुंचे जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्रीवरीय संवाददाता, रांची उषा मार्टिन, डब्लूएचएच, जीआइजेड एवं केजीवीके द्वारा ग्रीन कॉलेज अंतर्गत चलाई जा रही पारावेट, डेयरी उद्यमी एवं उन्नत कृषि के कार्यक्रमों को देखने जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्री डाॅ गर्ड मूलर अपने सहयोगियों के साथ रुक्का स्थित कृषि ग्राम विकास केंद्र (केजीवीके) पहुंचे. केजीवीके में डाॅ गर्ड मूलर की अगवानी राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह, डाॅ नितिन मदन कुलकर्णी, केजीवीके के चेयरमेन बसंत कुमार झवर, उपाध्यक्ष बृजकिशोर झवर, केजीवीके बोर्ड के सदस्य यजदी पी करई और आस्की के सीइओ डॉ सत्येंद्र सिंह आर्या ने की. डाॅ मूलर ने केजीवीके के 53 एकड़ में फैले फार्म में ग्रामीणों के विकास के लिये चलाये जा रहे कार्यों को देखा. उन्होंने श्रीविधि से की जा रही धान की खेती का मुआयना किया. केजीवीके डेयरी में जाकर जानवरों को देखा. बाद में डॉ मूलर ने केजीवीके परिसर में आयोजित एक छोटे समारोह को संबोधित किया. कहा : मैं किसान का बेटा हूं. मेरे पास कृषि और डेयरी का खास अनुभव है. केजीवीके शानदार काम कर रहा है. उन्होंने विकास के लिये सरकार, निजी क्षेत्र और सिविल सोसाइटी के बीच की साझेदारी को जरूरी बताया. कहा किसानों तक पहुंचने का यही रास्ता है. इसी के जरिये युवाओं को रोजगार का अवसर प्रदान कर सकते हैं. उनको स्वावलंबी बनाया जा सकता है. जर्मन सरकार के रूख की चर्चा करते हुए डॉ मूलर ने कहा : विकास में जर्मनी योगदान करेगा. दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ भारत-जर्मनी साझेदारी पर बातें हुई हैं. कृषि दोनों देशों की प्राथमिकता में शामिल है. बाद में डॉ मूलर ने जर्मनी सरकार के सहयोग से चलाए जा रहे ग्रीन कॉलेज में प्रशिक्षित किये गये पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता (पारा वैट) के सफल प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र वितरित किया. उनके साथ फोटो खिंचवाई. पशुपालन से बढ़ेगी आर्थिक समृद्धि : रणधीर सिंहकार्यक्रम में कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने केजीवीके के संपूर्ण ग्राम प्रबंधन मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि झारखंड की कृषि पूरी तरह से बारिश पर आधारित है. ऐसे में केजीवीके के ग्रीन कॉलेज का महत्व और बढ़ जाता है. ग्रीन कॉलेज में कृषि और पशुपालन का प्रशिक्षण होता है. यह सराहनीय प्रयास है. श्री सिंह ने कहा : राज्य की निर्भरता कृषि पर है. कृषि राज्य का मुख्य पेशा है. यह बारिश पर आधारित है. सिंचाई की सुविधा बहुत अच्छी नहीं होने की वजह से जमीन खाली पड़ी रहती है. पशुपालन पर निर्भरता से राज्य के लोगों की आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भारत में सरकार अपना काम कर रही है. केजीवीके को जर्मनी सरकार से सहयोग मिलना प्रशंसनीय है. झारखंड के लिये भी ऐसे ही सहयोग की अपेक्षा है. जर्मनी की उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकों का स्वागत है. श्री सिंह ने कहा कि अगले वर्ष मई महीने में वह अपनी पूरी टीम के साथ जर्मनी जायेंगे. वहां कृषि और पशुपालन में तकनीक का इस्तेमाल देखेंगे. वापस लौट कर उसी तर्ज पर राज्य में काम करने की कोशिश करेंगे. केजीवीके की सहायता से उठा है ग्रामीणों का जीवन स्तर : बीके झवर केजीवीके के उपाध्यक्ष बृजकिशोर झवर ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने केजीवीके की स्थापना के बाद से गुजरे 46 वर्षों के अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि इसके जरिये ग्रामीणों को करीब से जाना है. तकनीक की सहायता से ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊपर उठते देखा है. उनकी आर्थिक स्थिति सुधरते और उनको खुशहाल होते देखा है. बताया कि केजीवीके एवं जर्मनी के सहयोग से झारखंड के युवाओं एवं कृषकों में कौशल कार्यक्रमों के कारण आर्थिक उन्नति के अवसर गौरवगाथा की तरह है.ज्ञान और कौशल से ही सुनहरा होगा भविष्य : बसंत झवर डॉ मूलर समेत जर्मनी से आये डेलीगेट काे धन्वाद देते हुए केजीवीके के अध्यक्ष बसंत कुमार झवर ने कहा : कौशल एवं ज्ञान कोई नहीं चुरा सकता. कोई सत्ता इसे छीन भी नहीं सकती. विद्या ऐसा धन है जो भाइयों, रिश्तेदारों में भी नहीं बांटी जाती. ज्ञान सबके लिये है. बात केवल उसे हासिल करने की है. इसी अवधारणा पर ग्रीन कॉलेज परियोजना शुरू की गयी है. श्री झवर ने कहा : भारत में विश्व के सबसे ज्यादा युवा निवास करते हैैं. उनको ज्ञान और कौशल मिल जाये, तो वह अपना भविष्य सुनहरा कर सकते हैं. उन्होंने कहा : टेक्नोलॉजी, एजुकेशन और स्किल में जर्मनी का कोई सानी नहीं है. दुनिया के विकास में जर्मनी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. केजीवीके के साथ जर्मन सरकार का समझौता विकास में सहयोग कर रहा है. श्री झवर ने डॉ मूलर काे धन्यवाद देते हुए विकास में भागीदार बने रहने की बात कही.

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