बांग्ला विभाग में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आज सेरांची. रांची विवि बांग्ला विभाग में छह अक्तूबर से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा. इसमें ढाका विवि के हरिशंकर जलेनधर, तपन बंदोपाध्याय व प्रो रफिकुल्ला खान, रवींद्र भारती विवि के प्रो बरुण चक्रवर्ती, प्रो एस पाल, असम विवि के प्रो तपोधर भट्टाचार्य, पूर्व कुलपति प्रो बेला दास, विश्वभारती विवि प्रो अमल पाल व यादवपुर विवि के प्रो शंपा चौधरी शामिल होंगे. संगोष्ठी में भारत और बांग्लादेश के बांग्ला उपन्यासों पर चर्चा होगी. ढाका विवि से आये साहित्यकार रफीकुल्ला खान ने कहा कि बांग्ला साहित्य हम साहित्यकारों के लिए गौरव की भाषा है़ इसी भाषा में कविगुरु रवींद्र नाथ टैगोर ने साहित्य की रचना की है़ हरिशंकर जलदास ने कहा कि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर प्रत्येक बांग्ला साहित्यकारों के लिए गुरु रहे हैं. उनके बताये रास्ते पर चलना हमारा कर्त्तव्य भी है़ उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से भले ही दोनों देशों के बीच सीमा रेखा हो सकती है, लेकिन साहित्य के दृष्टिकोण से कोई सीमा रेखा नहीं है़ इस मौके पर डॉ कमल बोस, डॉ एनके बेरा, डॉ रत्ना राय, डॉ केतकी सर्वाधिकारी व डॉ पंपा सेन विश्वास भी शामिल थी़ं
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बांग्ला विभाग में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आज से
बांग्ला विभाग में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आज सेरांची. रांची विवि बांग्ला विभाग में छह अक्तूबर से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा. इसमें ढाका विवि के हरिशंकर जलेनधर, तपन बंदोपाध्याय व प्रो रफिकुल्ला खान, रवींद्र भारती विवि के प्रो बरुण चक्रवर्ती, प्रो एस पाल, असम विवि के प्रो तपोधर भट्टाचार्य, पूर्व कुलपति प्रो बेला दास, […]
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