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फरजी टेट प्रमाणपत्रों के साथ पांच पकड़ाये !

फरजी टेट प्रमाणपत्रों के साथ पांच पकड़ाये !संवाददाता. धनबादबीएसएस बालिका उच्च विद्यालय में सोमवार को शिक्षक नियुक्ति काउंसेंलिंग के दौरान फर्जी प्रमाण पत्राें के साथ पांच अभ्यर्थी पकड़े गये. डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने इस बाबत जब कड़ाई से पूछताछ की तो तिसरी से काउंसेलिंग के लिए यहां पहुंचे राजेश कुमार ने बताया कि उसने […]

फरजी टेट प्रमाणपत्रों के साथ पांच पकड़ाये !संवाददाता. धनबादबीएसएस बालिका उच्च विद्यालय में सोमवार को शिक्षक नियुक्ति काउंसेंलिंग के दौरान फर्जी प्रमाण पत्राें के साथ पांच अभ्यर्थी पकड़े गये. डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने इस बाबत जब कड़ाई से पूछताछ की तो तिसरी से काउंसेलिंग के लिए यहां पहुंचे राजेश कुमार ने बताया कि उसने 50 हजार रुपये में टेट पास का सर्टिफिकेट खरीदा था. बताया कि वह टेट की परीक्षा में शामिल हुआ था मगर फेल हो गया. इसके बाद सतगावां निवासी किसी अयोध्या पांडेय ने उसे टेट पास का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया. इसके लिए उसने दो कट्ठा जमीन बेच कर उसे 50 हजार रुपये भी दिये थे. काउंसलिंग में उसके अलावा चार अन्य अभ्यर्थी भी ऐसे टेट प्रमाणपत्रों के साथ पहुंचे थे, जो संदेहास्पद थे. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की पूछताछ के बाद काउंसेलिंग हुई, रिमार्क के कॉलम में प्रमाणपत्र संदेहास्पद लिखा गया. साथ ही सभी के सभी वास्तविक प्रमाणपत्र जब्त कर लिये गये. अब पकड़े गये सभी प्रमाणपत्रों को झारखंड एकेडमिक काउंसिल, रांची से जांच कराई जायेगी. मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने भी संबंधित अभ्यर्थियों का पूरा ब्योरा रख लिया है.काउंसेलिंग में आये 104 : प्रारंभिक स्कूलों में हो रही शिक्षक नियुक्ति की द्वितीय चरण की काउंसेलिंग सोमवार को हुई. इसमें कुल 678 अभ्यर्थियों में केवल 104 अभ्यर्थी ही शामिल हुए. इसमें कक्षा 1-5 (इंटर प्रशिक्षित) में 489 में से 63 अभ्यर्थी एवं कक्षा 6-8 (स्नातक प्रशिक्षित) में 189 में से 41 अभ्यर्थी ही शामिल हैं. कुल 574 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे.अभ्यर्थी गिरिडीह या नवादा के : काउंसेलिंग में टेट के फर्जी/संदेहास्पद प्रमाणपत्रों के साथ पहुंचे अभ्यर्थी गिरिडीह या नवादा के निवासी हैं. इन जिलों में प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की आशंका है. इससे पहले धनबाद में हुई पहली चरण की काउंसेलिंग में भी फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ कुछ अभ्यर्थी पकड़े गये थे, जिसके तार झरिया से भी जुड़े थे.संदेहास्पद अभ्यर्थियों का ब्योरादिलीप कुमार : पिता राजकुमार प्रसाद गोविंदपुर, नवादा (बिहार) के निवासी हैं. 2008 में मैट्रिक परीक्षा में 54.6 एवं 2010 में दी इंटर परीक्षा में करीब 54.6 प्रतिशत अंक आये. पहले बताया कि टेट प्रमाणपत्र डाक से मिला, फिर बताया कि भाई रांची से लाये थे. संबंधित टेट प्रमाणपत्र में 110 अंक हैं.कमलेश कुमार : पिता कैलाश प्रसाद यादव रजौली प्रखंड नवादा (बिहार) के हैं. 2005 में मैट्रिक परीक्षा में 351 अंक व 2007 में इंटर परीक्षा में 566 अंक आये. संबंधित टेट प्रमाणपत्र में 105 अंक है. बताया कि टेट प्रमाणपत्र भाई रांची से लाया था, जिसमें क्षेत्रीय भाषा खोरठा है. शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, शेरघाटी गया से कौन सा प्रशिक्षण लिया, नहीं बता पाये.आभा कुमारी : पति तेजनारायण पांडेय पचंबा, गिरिडीह निवासी हैं. 1993 में मैट्रिक में 437 अंक व 1995 में इंटर में 459 अंक हैं. शिक्षक प्रशिक्षण इस्लामिया महाविद्यालय, फुलवारीशरीफ, पटना से लिया था. टेट प्रमाणपत्र में 102 हैं.परमानंद पांडेय : पिता मुनेश्वर पांडेय हैं. आवेदन छठी से आठवीं कक्षा के लिए किया था और संलग्न प्रमाणपत्र भी था. जबकि काउंसेलिंग में पहली से पांचवीं कक्षा का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया, जिसमें कुल 150 अंकों में 105 मिले हैं.राजेश कुमार यादव : पिता जगरनाथ यादव तिसरी, गिरिडीह निवासी हैं. राजेश ने प्रमाणपत्र की गड़बड़ी की बात स्वीकार ली. कहा टेट में फेल थे. मैट्रिक अग्रवाला हाई स्कूल से किया, 288 अंक मिले थे. इंटर में 235 अंक हैं एवं शिक्षक प्रशिक्षण कुमारबाघ, पटना से लिया. संबंधित टेट प्रमाणपत्र में 102 अंक हैं.खूब आ रही आपत्ति/दावा : डीएसइ कार्यालय में हर रोज कई अभ्यर्थी आपत्ति जता रहे हैं. सोमवार को भी करीब 11 आपत्तियां कार्यालय को मिली. इससे पहले पहली से पांचवीं कक्षा के लिए पारा अभ्यर्थी संध्या कुमारी, छठी से आठवीं कक्षा के लिए पारा अभ्यर्थी कुलदीप दास, गुलाम अहमद रजा, गैर पारा बसंत कुमार महतो, मो इरशाद व महाबीर महथा का दावा/आपत्ति स्वीकार हुआ है.ऐसे पकड़ में आयी गड़बड़ी : झारखंड एकेडमिक काउंसिल से जारी इंटर प्रशिक्षित एवं स्नातक प्रशिक्षित के टेट प्रमाणपत्र संदेहास्पद थे. ऑरिजनल टेट प्रमाणपत्रों में कहीं भी फोटोकॉपी नहीं लिखा था, जबकि संबंधित पांच अभ्यर्थियों के ऑरिजनल प्रमाणपत्रों में फोटोकॉपी लिखा था. जैक से जारी ऑरिजनल प्रमाणपत्रों की केवल फोटोकॉपी में फोटोकॉपी अंकित हो जाता है. ऑरिजनल प्रमाणपत्र में कहीं भी फोटोकॉपी अंकित नहीं रहता. अधिकारियों को शक था कि प्रमाणपत्र में अंकित रौल नंबर, केटेगरी व सीरियल नंबर वास्तविक हो, जो किसी सफल अभ्यर्थी के ही हैं, केवल नाम, पिता का नाम आदि बदल दिये गये हैं. प्रमाणपत्रों की जांच अब जैक से करायी जायेगी.क्या हैं रौल नंबर : राजेश कुमार यादव (13421255), आभा कुमारी (23232514), कमलेश कुमार (25310873), दीपक कुमार (22523360), परमानंद पांडेय (14029998)

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