नयी दिल्ली: वर्दमान विस्फोट के मामले में गिरफ्तार बांग्लादेशी आतंकवादी तारिकुल इसलाम उर्फ सािदक ने खुद को भारतीय नागरिक के तौर पर पेश करने और एनआइए से गिरफ्तारी से बचने के लिए आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र तक हासिल कर लिया था. सािदक ने ऐसा भारतीय के रूप में अपनी विश्वसनीयता कायम करने के […]
नयी दिल्ली: वर्दमान विस्फोट के मामले में गिरफ्तार बांग्लादेशी आतंकवादी तारिकुल इसलाम उर्फ सािदक ने खुद को भारतीय नागरिक के तौर पर पेश करने और एनआइए से गिरफ्तारी से बचने के लिए आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र तक हासिल कर लिया था. सािदक ने ऐसा भारतीय के रूप में अपनी विश्वसनीयता कायम करने के लिए किया. उसने इसके लिए अफसरों को घूस दिये.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह झारखंड के रामगढ़ से गिरफ्तार किये जाने के बाद भी सािदक यही कहता रहा कि इस विस्फोट में वह शामिल नहीं है. बहरहाल, उसके अंगुलियों के निशान मौका-ए-वारदात से एनआइए द्वारा लिए गये नमूने से मेल खा गये. इसके बाद ही उसने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) आतंकवादी समूह के साथ अपने संबंधों के बारे में कुछ जानकारी दी. पूछताछ के दौरान इसलाम ने दावा किया कि वह बांग्लादेश में पांच साल जेल की सजा काट चुका है.
वहीं, वह शेख रहमतुल्ला उर्फ साजिद से मिला और उसने ही इसलाम को कट्टरपंथी बनाना शुरू किया. इसलाम के दावे की सत्यता का पता लगाने के लिए बांग्लादेश शासन के साथ सूचना साझा की गयी.
2012 में आया भारत
सािदक साल 2012 में भारत में दाखिल हुआ था. उसने पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार से युवकों को आतंकी संगठन के साथ जोड़ना शुरू किया. इस आतंकी समूह का मंसूबा बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को गिराना था.
भारत में की शादी, पत्नी व आठ माह का बच्चा लापता
सािदक ने एक भारतीय लड़की से शादी भी की जो नाबालिग थी. वर्दमान में सिमुलिया मदरसा में शादी की रस्म अदा की गयी. इसी मदरसे में जेएमबी द्वारा आतंकी प्रशिक्षण शिविर संचालित किया गया. रामगढ़ में उसे गिरफ्तार किये जाने के बाद से उसकी पत्नी अपने आठ महीने के बच्चे और उसके साले के साथ लापता है.