छापेमारी के दौरान टीम में शामिल सदस्यों को दो लॉकर के बारे जानकारी मिली है. हालांकि शुक्रवार को लॉकर खोल कर नहीं देखा नहीं जा सका. आइजी के अनुसार लॉकर में क्या है, यह बाद में देखा जायेगा. हालांकि फिलहाल छापेमारी में इंजीनियर के घर से कोई खास पॉपर्टी, जेवरात, रुपये या दूसरे बहुमूल्य सामान नहीं मिले हैं. कुछ सामान मिले हैं, जिसकी सूची तैयार की जा रही है.
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि यादवेंद्र सिंह पूर्व में ग्रामीण कार्य विकास विभाग, रामगढ़ में कार्यपालक अभियंता के पद पर पदस्थापित थे. अपने पद पर रहते हुए यादवेंद्र सिंह के अलावा कुछ अन्य अभियंताओं पर 10 करोड़ रुपये सरकारी राजस्व का गबन करने का आरोप था. सरकार के निर्देश पर यादवेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में केस भी दर्ज किया गया था. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जांच के दौरान एसीबी के अधिकारियों को अशोक नगर में आवास होने की भी जानकारी मिली थी.