हाल ही में नकली कागजात पेश कर जमीन का फरजीवाड़ा करने के कई मामले सामने आये थे. मालूम हो कि रांची समेत कई जिलों में फरजी कागजातों के सहारे जमीन खरीदने-बेचने के मामले पकड़ में आये हैं. एसएआर कोर्ट के आदेश में फरजीवाड़ा से संबंधित मामला भी पकड़ा गया है. इसके बाद जमीन का म्यूटेशन और रजिस्ट्री की प्रक्रिया ऑनलाइन कर फरजी काम रोकने की कोशिश की जा रही है.
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नक्शा स्वीकृति के लिए जमीन के कागज का सत्यापन जरूरी
रांची : राज्य में बहुमंजिली इमारत बनाने के लिये जमीन के कागजातों का सत्यापन जरूरी होगा. जमीन से संबंधित कागजातों का सत्यापन कराये बिना नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी नहीं की जायेगी. नगर विकास विभाग ने इससे संबंधित निर्देश निकायों को दिये हैं. सत्यापन का कार्य जिला प्रशासन करेगा. न्यायालय में वाद के जरिये जमीन […]
रांची : राज्य में बहुमंजिली इमारत बनाने के लिये जमीन के कागजातों का सत्यापन जरूरी होगा. जमीन से संबंधित कागजातों का सत्यापन कराये बिना नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी नहीं की जायेगी. नगर विकास विभाग ने इससे संबंधित निर्देश निकायों को दिये हैं. सत्यापन का कार्य जिला प्रशासन करेगा. न्यायालय में वाद के जरिये जमीन पर मिले मालिकाना हक के कागजात भी सत्यापित कराये जायेंगे. एसएआर कोर्ट, एलआरडीसी अथवा सीओ कोर्ट के आदेश के आलोक में हस्तांतरित जमीन के बारे में छानबीन और सत्यापन के बाद ही नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया आगे बढ़ायी जायेगी.
अभी दिये गये कागजातों पर ही स्वीकृत किये जाते हैं नक्शे
वर्तमान में निर्माण कार्य के लिये जमीन के कागजातों का सत्यापन आवश्यक नहीं है. आवेदक द्वारा दिये गये कागजातों को सही मानते हुए नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया आगे बढ़ायी जाती है. सरकार ने यह आदेश नकली कागजातों का इस्तेमाल कर जमीन के फरजीवाड़े से संबंधित मिल रही शिकायतों के आलोक में दिया है.
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