गिरोह फरजी प्रमाण-पत्र बनाने में माहिर है. गिरिडीह जिले के जमुआ थाना क्षेत्र के लताकी, गिरिडीह शहर के मोहनपुर व कोडरमा जिले के सतगावां में फरजी प्रमाण-पत्र बनाने का काम किया जा रहा है. गिरोह के कई सदस्य गिरिडीह व कोडरमा के अलावा सीमावर्ती जिले में भी सक्रिय हैं. छात्रों के आवश्यकतानुसार गिरोह कंप्यूटर से कट-पेस्ट कर फरजी पप्रमाण-पत्र बनाता है.
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घंटे भर में मैट्रिक से स्नातक तक की डिग्री
रांची/गिरिडीह : राज्य में शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने में फरजी डिग्री का इस्तेमाल हो रहा है़ गिरिडीह व कोडरमा जिले में फरजी प्रमाण-पत्र बनाने वाला गिरोह सक्रिय है. फरजी प्रमाण-पत्र बनाने वाले गिरोह का सरगना एक सेवानिवृत्त शिक्षक है. उक्त शिक्षक पिछले कई वर्षों से यह काम कर रहा है. कोडरमा जिले के सतगावां […]
रांची/गिरिडीह : राज्य में शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने में फरजी डिग्री का इस्तेमाल हो रहा है़ गिरिडीह व कोडरमा जिले में फरजी प्रमाण-पत्र बनाने वाला गिरोह सक्रिय है. फरजी प्रमाण-पत्र बनाने वाले गिरोह का सरगना एक सेवानिवृत्त शिक्षक है. उक्त शिक्षक पिछले कई वर्षों से यह काम कर रहा है. कोडरमा जिले के सतगावां प्रखंड के मरचोई गांव का यह सेवानिवृत्त शिक्षक इन दिनों गिरिडीह के पचंबा स्थित मोहनपुर में अपना ठिकाना बनाये हुए है.
जमुआ प्रखंड का लताकी गांव चर्चा में
जमुआ प्रखंड का लताकी गांव फरजी प्रमाण-पत्र को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है. इस गांव के कई लोग पहले भी फरजी प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी करने के आरोप में पकड़े गये हैं. जानकारी के अनुसार इस इलाके में एक चलता-फिरता सेंटर है, जहां तुरंत किसी भी बोर्ड, काउंसिल या विश्वद्यिालय का फरजी प्रमाण-पत्र बना कर निर्गत कर दिया जाता है. यही कारण है कि लोग इस गांव को लताकी विश्वद्यिालय के नाम से भी जानते हैं. यदि किसी को फरजी प्रमाण-पत्र की जरूरत होती है, तो उन्हें कहा जाता है कि क्या आप लताकी विश्वद्यिालय का प्रमाण पत्र लेना चाहेंगे? सहमति होने के बाद तुरंत मोलभाव कर फरजी प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता है.
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