कुछ दिनों बाद उसने वहां रह रहे दूसरे बच्चों का बताया कि वह पाकिस्तान के कराची का रहनेवाला है, जिसके बाद भोपाल चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर अर्चना सहाय ने वहां के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सूचना दी. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अधिकारियों ने मामले की जानकारी बांग्लादेशी एंबेसी को दी. मो रमजान ने भाेपाल में मीडियाकर्मियों को बताया कि पांच साल पहले उसके पिता कराची से बांग्लादेश चले गये थे. वहां पिता उसे प्रताड़ित करता था. प्रताड़ना से तंग आकर वह घर से भाग कर बांग्लादेश के कोमिला इलाके में चला गया. वहां कुछ लोगों ने उसे बताया कि वह भारत के रास्ते पाकिस्तान जा सकता है. इसके बाद वह नाव से भारत आ गया. उसके बाद रांची पहुंचा. कुछ दिन यहां रहा, फिर रांची से मुंबई और दिल्ली चला गया. वहां से वह ट्रेन से कोलकाता जा रहा था, रास्ते में पुलिस ने पकड़ लिया.
Advertisement
रांची में घूमता रहा कराची का बच्चा मो रमजान
रांची: पाकिस्तान स्थित कराची के मुसा कॉलोनी निवासी मो रमजान रांची समेत मुंबई और दिल्ली में घूमता रहा. उसकी उम्र अभी 15 साल है. करीब तीन साल पहले वह बांग्लादेश से नाव से भारत आया था, उसके बाद रांची पहुंचा. रांची से मुंबई और फिर दिल्ली पहुंचा. अक्तूबर 2013 में वह ट्रेन से दिल्ली से […]
रांची: पाकिस्तान स्थित कराची के मुसा कॉलोनी निवासी मो रमजान रांची समेत मुंबई और दिल्ली में घूमता रहा. उसकी उम्र अभी 15 साल है. करीब तीन साल पहले वह बांग्लादेश से नाव से भारत आया था, उसके बाद रांची पहुंचा. रांची से मुंबई और फिर दिल्ली पहुंचा. अक्तूबर 2013 में वह ट्रेन से दिल्ली से कोलकाता जा रहा था. भोपाल की जीआरपी ने उसे ट्रेन में पकड़ा. इसके बाद 22 अक्तूबर 2013 को उसे भोपाल स्थित चाइल्डलाइन में भेज दिया. वहां उसने पहले तो यह बताया कि वह रांची का रहनेवाला है, लेकिन रांची में रहने का कोई प्रमाण नहीं दे सका.
कुछ दिनों बाद उसने वहां रह रहे दूसरे बच्चों का बताया कि वह पाकिस्तान के कराची का रहनेवाला है, जिसके बाद भोपाल चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर अर्चना सहाय ने वहां के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सूचना दी. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अधिकारियों ने मामले की जानकारी बांग्लादेशी एंबेसी को दी. मो रमजान ने भाेपाल में मीडियाकर्मियों को बताया कि पांच साल पहले उसके पिता कराची से बांग्लादेश चले गये थे. वहां पिता उसे प्रताड़ित करता था. प्रताड़ना से तंग आकर वह घर से भाग कर बांग्लादेश के कोमिला इलाके में चला गया. वहां कुछ लोगों ने उसे बताया कि वह भारत के रास्ते पाकिस्तान जा सकता है. इसके बाद वह नाव से भारत आ गया. उसके बाद रांची पहुंचा. कुछ दिन यहां रहा, फिर रांची से मुंबई और दिल्ली चला गया. वहां से वह ट्रेन से कोलकाता जा रहा था, रास्ते में पुलिस ने पकड़ लिया.
मां से फोन पर बात करते ही रो पड़ा रमजान, मां ने कहा जल्द लाऊंगी
कराची निवासी हामजा बासित भोपाल में रह कर सीए की पढ़ाई कर रहे हैं. मो रमजान की कहानी जानने के बाद हामजा बासित ने उसकी कहानी व तसवीरें सोशल साइट पर पोस्ट किया, जिसके बाद कुछ दिन पहले पाकिस्तान के कराची में रह रही मो रमजान की मां ने फोन कर उससे बात की. एक-दूसरे की आवाज सुन दोनों पहले तो खूब रोये, फिर बातचीत की. बातचीत के दौरान रमजान ने अपनी मां को बताया कि वह भोपाल में है और शाकाहारी भोजन करता है. इस पर उसकी मां ने उससे कहा कि वह भोपाल में ही रहे. जल्द ही वह उसे कराची बुला लेगी. उसके पसंद का वह खाना खिलायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement