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कंपनी का अस्तित्व नहीं, मिली 1310 को नौकरी
स्किल डेवलपमेंट के नाम पर फरजीवाड़ा-3. ओरिएंट क्राफ्ट फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ऑक्फिट) का कारनामा सतीश कुमार रांची : झारखंड में स्किल डेवलपमेंट का काम करने वाली कंपनियों ने फरजीवाड़ा के तरह-तरह के हथकंडे अपनाये हैं. ओरियेंट क्राफ्ट फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ऑक्फिट) ने झारखंड के 1310 युवक-युवतियों को वैसी कंपनी में नौकरी दिलाने का […]
स्किल डेवलपमेंट के नाम पर फरजीवाड़ा-3. ओरिएंट क्राफ्ट फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ऑक्फिट) का कारनामा
सतीश कुमार
रांची : झारखंड में स्किल डेवलपमेंट का काम करने वाली कंपनियों ने फरजीवाड़ा के तरह-तरह के हथकंडे अपनाये हैं. ओरियेंट क्राफ्ट फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ऑक्फिट) ने झारखंड के 1310 युवक-युवतियों को वैसी कंपनी में नौकरी दिलाने का दावा किया है, जिसका अस्तित्व ही नहीं है.
ऑक्फिट कंपनी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप कर गुड़गांव की कंपनी केएस फैब्रिकेशन में 1310 युवक-युवतियों को रोजगार दिलाने की बात कही है. रिपोर्ट में कंपनी का पता केएस फैब्रिकेशन, गली नंबर-12, ज्योति पार्क, गुड़गांव बताया गया है. हकीकत में इस तरह के नाम की कोई भी कंपनी उक्त पते पर पंजीकृत नहीं है.
मजेदार तथ्य यह है कि केएस फैब्रिकेशन ने 1310 लाभुकों को अपने संस्थान में नियोजन की तिथि से पूर्व ही प्रति माह 1,000 रुपये की दर से दो माह का स्टाइपेंड का भुगतान दिखाया है. यह खुलासा आरटीआई के तहत मिली जानकारी से हुआ है. आरटीआइ कार्यकर्ता सुनील कुमार महतो ने ग्रामीण विकास मंत्रालय से यह जानकारी मांगी थी.
75 युवतियों को दिलाया रोजगार: केएस फैब्रिकेशन में मार्च 2011 में अलग-अलग तिथियों में एक माह के अंदर झारखंड की 75 युवतियों को रोजगार दिलाने का दावा किया है. साथ ही इन्हें 4503 रुपये प्रतिमाह सैलरी देने की बात कही गयी है.
15 मार्च 2011 को 11, 17 मार्च 2011 को 29 और 28 मार्च 2011 को 35 युवतियों की ज्वाइनिंग दिखायी गयी है. यही नहीं ऑक्फिट ने बेंगलुरु की शाही एक्सपोर्ट प्रा.लि. में 380 लाभुकों की रिपोर्ट दी है.
लेकिन शाही एक्सपोर्ट प्रा.लि, द्वारा इपीएफ कार्यालय में दी गयी अपने कर्मचारियों की सूची में इन 380 लाभुकों का नाम ही नहीं है. एसजीएसवाइ (स्पेशल प्रोजेक्ट) के तहत ऑक्फिट ने झारखंड के 3000 युवक-युवतियों को प्रशिक्षण एवं 2319 प्रशिक्षुओं के नियोजन संबंधी जानकारी सरकार को दी है.
प्रशिक्षण पूरा नहीं किया, दिखाया नियोजित
गुमला जिले के कई लोगों ने ऑक्फिट की ओर से चलाये गये स्किल डेवलपमेंट के नाम पर प्रशिक्षण लिया है. इसमें कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने प्रशिक्षण पूरा भी नहीं किया. इसके बावजूद उनका नाम नियोजित की सूची में शामिल कर दिया गया है. पानीचंगी गांव की असीमा कुजूर ने प्रशिक्षण भी नहीं लिया था, लेकिन उनका नाम नियोजित लाभुकों की सूची में शामिल है.
गुमला के बसुआ गांव निवासी नसीम अंसारी 37 युवक और युवतियों के साथ अलवर में तीन माह तक थे. वेतन नहीं मिला. सभी लोग वापस लौट आये. गुमला जिला के असनी गांव निवासी महा प्रसाद ने प्रशिक्षण पूरा नहीं किया. इसके बावजूद उनका नाम लाभुकों की सूची में शामिल है. सुंदरपुर की द्रौपदी कुमारी ने प्रशिक्षण पूरा नहीं किया. फिर भी इनका नाम नियोजित की सूची में शामिल है.
रोजगार दिलाने के नाम पर मिले 19400
केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण और नियोजन के लिए गैर-सरकारी संगठनों को जिम्मेवारी दी गयी थी. इसके लिए सरकार द्वारा प्रति छात्र 19400 रुपये का भुगतान गैर सरकारी संगठनों को किया गया है.
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