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अब जापानी इंसेफ्लाइटिस का खतरा

रांची : राज्य में डेंगू के बाद जापानी इंसेफ्लाइटिस के वायरस का खतरा बढ़ गया है. जापानी इंसेफ्लाइटिस की चपेट में तेजी से मरीज आ रहे हैं, जिसमें बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के आंकड़े के अनुसार सितंबर माह में अब तक 67 संदिग्ध मरीजों का ब्लड सैंपल जांच के […]

रांची : राज्य में डेंगू के बाद जापानी इंसेफ्लाइटिस के वायरस का खतरा बढ़ गया है. जापानी इंसेफ्लाइटिस की चपेट में तेजी से मरीज आ रहे हैं, जिसमें बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के आंकड़े के अनुसार सितंबर माह में अब तक 67 संदिग्ध मरीजों का ब्लड सैंपल जांच के लिए आया है, जिसमें 12 मरीजों में जापानी इंसेफ्लाइटिस की पुष्टि हुई है.
रांची का सोनू भी है भरती
रिम्स के शिशु विभाग में जापानी इंसेफ्लाइटिस के अलावा इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित बच्चों का भी इलाज चल रहा है. रिम्स के शिशु विभाग के पीटू वार्ड में रांची का तीन वर्षीय बच्चा सोनू हजाम का इलाज चल रहा है. परिजनों के अनुसार बच्चे को काफी दिन से बुखार हो रहा था. ठीक नहीं होने पर उसे रिम्स लाया गया. अब चिकित्सक कह रहे हैं कि उसे दिमागी बुखार हो गया है.
इंसेफ्लाइटिस पीड़ित मुनिता गंभीर
रिम्स के शिशु विभाग में लातेहार की मुनिता (आठ वर्षीय) में इंसेफ्लाइटिस की पुष्टि हुई है. उसका इलाज शिशु चिकित्सक डॉ अमर वर्मा कर रहे हैं. बच्ची की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
बच्ची के पिता रामा गंझू ने बताया कि मुनिता को काफी दिन से बुखार हो रहा था. बालूमाथ में इलाज कराने गये थे, लेकिन ठीक नहीं होने पर उसे रिम्स रेफर कर दिया गया. उसे रिम्स में 16 सितंबर को भरती कराया गया है.
डेंगू के चार और मरीज भरती : डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या कम नहीं हाे रही है. रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में सोमवार को पांच नये मरीजों को भरती किया गया. इसके साथ ही रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की संख्या 16 हो गयी है.
क्या है इंसेफ्लाइटिस
जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस से होनेवाली बीमारी है. यह बीमारी क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है. यह वायरस शरीर के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है. इससे मरीज की जान तक जा सकती है.
जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस से होनेवाली बीमारी है. यह बीमारी क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है. यह वायरस शरीर के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है. इससे मरीज की जान तक जा सकती है.
क्या हैं लक्षण
सिर दर्द होना
तेज बुखार होना
मांसपेशी में दर्द
बेहोश हाे जाना
बचाव के तरीके
सफाई का ख्याल रखें
मच्छरदानी का प्रयोग करें
ज्यादा दिन बुखार होने पर
चिकित्सीय परामर्श लें
67 सैंपल आये हैं जांच के लिए
राज्य के विभिन्न जिलों से हमारे पास 67 सैंपल जांच के लिए आये हैं. इसमें से 12 मरीजों का सैंपल इंसेफ्लाइटिस पॉजीटिव पाया गया है. रिम्स में भरती एक बच्चे का भी पॉजीटिव रिपोर्ट आया है.
डॉ एनपी साहू, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबॉयाेलॉजी

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