धनबाद अौर आसपास के इलाके के लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए इस विवि की स्थापना की कवायद तेज की गयी है. इस विवि अंतर्गत धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, सिंदरी, बाघमारा, गोमो, कतरासगढ़ आदि जगहों के लगभग 18 अंगीभूत कॉलेज के अलावा लगभग पांच संबद्ध कॉलेज शामिल होंगे. इसके अलावा इस विवि के अंतर्गत बीआइटी सिंदरी, गुरु गोविंद सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज, केके कॉलेज अॉफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, गोविंदपुर भी शामिल होंगे. वर्तमान में विनोबा भावे विवि के अंतर्गत पाटलीपुत्र मेडिकल कॉलेज भी कोयलांचल विवि में शामिल हो जायेंगे. इस विवि के अंतर्गत दो लॉ कॉलेज लॉ कॉलेज धनबाद व आइएचके कॉलेज बोकारो भी शामिल होंगे. वर्तमान में झारखंड में सामान्य कोर्स के लिए पांच विश्वविद्यालय हैं.
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सरकार धनबाद में खोलेगी कोयलांचल विश्वविद्यालय
रांची: राज्य सरकार धनबाद में कोयलांचल विश्वविद्यालय खोलना चाहती है. इसके लिए सरकार के स्तर पर सैद्धांतिक सहमति बनी है. इस विवि का निर्माण विनोबा भावे विवि को बांट कर किया जायेगा. अभी धनबाद व उसके आसपास के जिले के कॉलेज व संस्थान विनोबा भावे विवि के अंतर्गत अाते हैं. सरकार प्रस्ताव तैयार कर इसके […]
रांची: राज्य सरकार धनबाद में कोयलांचल विश्वविद्यालय खोलना चाहती है. इसके लिए सरकार के स्तर पर सैद्धांतिक सहमति बनी है. इस विवि का निर्माण विनोबा भावे विवि को बांट कर किया जायेगा. अभी धनबाद व उसके आसपास के जिले के कॉलेज व संस्थान विनोबा भावे विवि के अंतर्गत अाते हैं. सरकार प्रस्ताव तैयार कर इसके लिए शीघ्र ही अध्यादेश लायेगी. इसके बाद इसकी मान्यता के लिए यूजीसी के पास भेजेगी.
धनबाद अौर आसपास के इलाके के लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए इस विवि की स्थापना की कवायद तेज की गयी है. इस विवि अंतर्गत धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, सिंदरी, बाघमारा, गोमो, कतरासगढ़ आदि जगहों के लगभग 18 अंगीभूत कॉलेज के अलावा लगभग पांच संबद्ध कॉलेज शामिल होंगे. इसके अलावा इस विवि के अंतर्गत बीआइटी सिंदरी, गुरु गोविंद सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज, केके कॉलेज अॉफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, गोविंदपुर भी शामिल होंगे. वर्तमान में विनोबा भावे विवि के अंतर्गत पाटलीपुत्र मेडिकल कॉलेज भी कोयलांचल विवि में शामिल हो जायेंगे. इस विवि के अंतर्गत दो लॉ कॉलेज लॉ कॉलेज धनबाद व आइएचके कॉलेज बोकारो भी शामिल होंगे. वर्तमान में झारखंड में सामान्य कोर्स के लिए पांच विश्वविद्यालय हैं.
17 सितंबर 1992 में रांची विवि से अलग हुआ है विनोबा भावे विवि: विनोबा भावे विवि, हजारीबाग का शिलान्यास 17 जनवरी 1990 में हुआ, जबकि विवि की स्थापना 17 सितंबर 1992 में हुआ. इससे पूर्व यह विवि रांची विश्वविद्यालय के अधीन था. 17 सितंबर 1992 में विवि की स्थापना होने के बाद इसकी पहली कुलपति डॉ विनोदिनी तरवे बनायी गयीं.
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