वहां कोतवाली इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी विजय सिंह ने कहा: पहले साबित करो कि वे रांची आये थे. उनका अपहरण नहीं हुअा है. मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह इधर-उधर भटक रहे हैं. गोंदा थाना क्षेत्र में उन्हें देखा गया है, लेकिन जब गोंदा पुलिस को बिहारी सिंह की तसवीर दिखायी गयी, तो गोंदा पुलिस ने कहा कि यह वह आदमी नहीं है. सुरेंद्र िसंह ने इंस्पेक्टर पर आरोप लगाया कि 10 लाख रुपये लेने के बाद कोतवाली इंस्पेक्टर आरोपियों के पक्ष में हो गये. परिजनों ने इंस्पेक्टर को निलंबित करने की मांग की है. वहीं सीटी एसपी ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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वारदात: बिहारी सिंह के पुत्र थाने में लगाते रहे दौड़, पुलिस एक ही बात पर अड़ी रही बिहारी रांची आये थे, पहले साबित करो
रांची : रामगढ़ निवासी कोतवाल बिहारी सिंह की हत्या पर पुलिस ने लापरवाही बरती है. उनके पुत्र सुरेंद्र सिंह ने यह आरोप लगाया है. उन्होंने बताया: कोतवाली पुलिस यदि थाेड़ी भी गंभीर होती, तो मामले का पटाक्षेप हो जाता और उनके पिता बच सकते थे. सुरेंद्र सिंह के अनुसार दो सितंबर को उनके पिता सिविल […]
रांची : रामगढ़ निवासी कोतवाल बिहारी सिंह की हत्या पर पुलिस ने लापरवाही बरती है. उनके पुत्र सुरेंद्र सिंह ने यह आरोप लगाया है. उन्होंने बताया: कोतवाली पुलिस यदि थाेड़ी भी गंभीर होती, तो मामले का पटाक्षेप हो जाता और उनके पिता बच सकते थे. सुरेंद्र सिंह के अनुसार दो सितंबर को उनके पिता सिविल कोर्ट से लापता हुए थे. वे लोग तीन सितंबर की सुबह 10 बजे कोतवाली थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे थे.
आरोपी के घर के पास लगी थी भीड़ : बिहारी सिंह के शव के टुकड़े मिलने के बाद कोतवाली पुलिस आरोपी रामाधार के पिस्कामोड़ स्थित आवास पहुंची. वहां पुलिस काफी देर तक रही. रविवार की सुबह और दोपहर में पुलिस वहां जांच करने पहुंंची, उस दौरान मुहल्ले के लोगों की भीड़ जमा हो गयी. लोगों को विश्वास नहीं रहा था कि रामाधार साय इतनी वीभत्स हत्या कर सकता है.
जालसाजी कर जमीन बेची थी रामाधार ने: सुरेंद्र सिंह ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि 2012 में नगड़ी के कतरपा में 12 एकड़ जमीन में से छह एकड़ जमीन को जालसाजी कर बेच देने में रामाधार का हाथ है. जालसाजी कर उस जमीन को अपर बाजार निवासी विजय केडिया और धुर्वा निवासी बृजकिशोर चौधरी से बेची गयी. इस संबंध में सीजेएम कोर्ट में कप्लेन केस भी किया गया था, लेकिन उस केस को आज तक कोतवाली थाने में दर्ज नहीं किया गया है. प्राथमिकी में हत्या का दूसरा कारण रामाधार साय के छोटे भाई गुनिधी साय की विधवा को जमीन दिलाने की पैरवी करना है. गुनिधी साय की 2005 में हत्या हुई थी. उसके ससुर ईश्वर सिंह का कहना है कि जमीन के कारण रामाधार ने अपने भाई की हत्या कर दी और लोगों से कहा कि उसकी हत्या उग्रवादियों ने कर दी है.
जमीन विवाद में फूफा की भी हुई थी हत्या : इस प्रकार की घटना पहले भी घट चुकी है. बिहारी सिंह के परिजनों ने बताया कि 10 जून 2013 को महेश्वर सिंह की हत्या पिस्कामोड़ के समीप हुई थी. इस हत्या में विकलांग संजय सिंह शामिल था. महेश्वर सिंह संजय के फूफा थे. उनकी हत्या भी पांच कट्ठा जमीन के लिए की गयी थी. उस जमीन की कीमत 70 लाख रुपये थी. वही तरीका रामाधार साय ने अपनाया. रामाधार व संजय गोतिया हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि संजय सिंह ने रामाधार साय को अपने मामा की हत्या के लिए तरीका समझाया होगा.
मामले की निष्पक्ष जांच हो: झामुमो
रांची. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर लापता वृद्ध बिहारी सिंह की जघन्य हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह किया है. साथ ही राजनैतिक संलिप्ता के लिए एसआइटी का गठन करने और सक्षम पदाधिकारी को अनुसंधानकर्ता नियुक्त करने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि मृतक का नगड़ी इलाके में एक बड़ा भूखंड था, जिसे कुछ अासामाजिक तत्वों एवं भूमि माफियाओं ने साजिश के तहत अवैध रूप से हस्तांतरित करने का काम किया है. इसे लेकर सिविल कोर्ट रांची में वर्ष 2012 से मुकदमा चल रहा है. कोतवाली थाना प्रभारी से आवश्यक सहयोग नहीं मिलने पर परिजनों ने शिबू सोरेन से न्याय की गुहार लगायी थी. श्री भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि इस मामले में एक विशेष राजनैतिक दल के नेताओं को बचाने की कोशिश की जा रही है.
अकेले की हत्या
रामाधार शाय ने पुलिस को बताया कि उसने मामा कोतवाल बिहारी की हत्या अकेले की है. परिजनों का कहना है कि कोई भी व्यक्ति इतनी विभत्स हत्या अकेले नहीं कर सकता. इस हत्या में कई लोगों का हाथ है. गिरफ्तार दो पुत्रों के अलावा अभिषेक शाय सहित अन्य लोगों का हाथ है. पुलिस कड़ाई से पूछताछ करे तो, वह अौर राज उगलेगा.
परिजनों ने शक होने पर सीसीटीवी फुटेज निकलवाया
मृतक के परिजनों ने खुद ही अपने स्तर से छानबीन की. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि शक होने के बाद उन्होंने सिविल कोर्ट से सीसीटीवी फुटेज निकाला. उस फुटेज में रामाधार को उसके पिता को बाइक से बैठा कर ले जाते दिखाया गया है. फुटेज को पेन ड्राइव में लोड कर सुरेंद्र सिंह ने पुलिस को दिया, इसके बाद भी इसके बाद भी कोतवाली इंस्पेक्टर बोलते रहे कि गोंदा में जो आदमी मिला है, वही उसके पिता हैं. उनकी तलाश करें. इस प्रकार थाना प्रभारी ने आरोपियों को पर्याप्त समय दिया.
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