मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के गृह सचिव को जांच का आदेश दिया था. रिपोर्ट में घटना का कारण प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए प्रथम दृष्टया उपायुक्त अमित कुमार, एसपी पी मुरुगन, क्षेत्रीय स्वास्थ्य निदेशक शिव कुमार और सिविल सर्जन दिवाकर कामत को दोषी करार दिया गया था.
जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने डीसी, एसपी, आरडीडी और सिविल सर्जन को निलंबत कर दिया था. इन अधिकारियों के निलंबन के एक माह के अंदर ही सरकार ने निलंबन वापस लेना शुरू कर दिया है. सरकार द्वारा पूछे गये सपष्टीकरण के जवाब मेें देवघर के तत्कालीन एसपी ने अपना लिखित जवाब भेज दिया है. इसमें उन्होंने कहा है कि जांच बहुत ही कम समय में की गयी है. उन्होंने अपनी ड्यूटी ठीक ढंग से निभाई थी. इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती. पर जांच के दौरान उनके पक्ष को सही तरीके से नहीं सुना गया.