खंडपीठ ने कहा कि मासिक व त्रैमासिक दोनों स्तर पर कोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा. प्रबंधन की खामियों की वजह से देवघर में श्रावणी मेला में भगदड़ हुई. घटना पर अफसोस जताते हुए खंडपीठ ने कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए. व्यवस्था दुरुस्त की जाये. खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को राज्य सरकार के जवाब का अध्ययन कर सुझाव देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी. देवघर चेंबर की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. गौरतलब है कि श्रावणी मेला में भगदड़ से 10 श्रद्धालुओं की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
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तिरुपति बालाजी की तर्ज पर बाबा मंदिर में होगी व्यवस्था
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को श्रावणी मेला के दौरान देवघर में हुए भगदड़ को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि तिरुपति बालाजी की तर्ज पर बाबा मंदिर व वासुकिनाथ में व्यवस्था की जायेगी. देवघर-वासुकिनाथ मंदिर प्रबंधन प्राधिकार की स्थापना के लिए अध्यादेश […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को श्रावणी मेला के दौरान देवघर में हुए भगदड़ को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि तिरुपति बालाजी की तर्ज पर बाबा मंदिर व वासुकिनाथ में व्यवस्था की जायेगी. देवघर-वासुकिनाथ मंदिर प्रबंधन प्राधिकार की स्थापना के लिए अध्यादेश जारी किया गया है. यह प्राधिकार बाबा बैद्यनाथ मंदिर, वासुकिनाथ मंदिर व उसके आसपास के इलाके का विकास व प्रबंधन का काम करेगा.
सरकार ने प्राधिकार को काफी शक्तियां दी है. पूर्व से जो समस्याएं हैं, उसका निदान किया जायेगा. अगले श्रावणी मेला तक देवघर व वासुकिनाथ की व्यवस्था दुरुस्त की जायेगी. भविष्य में भगदड़ जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जायेगी. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई.
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