रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को मोबाइल टावर से टैक्स वसूली के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) व रांची नगर निगम को कड़ी फटकार लगायी. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मौखिक रूप से निगम के नगर आयुक्त व आरआरडीए के उपाध्यक्ष को सुनवाई के दूसरे सत्र में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. साथ ही उनका वेतन भी स्थगित कर दिया.
नाराज खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिकारी अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. नीतियों की जानकारी नहीं रखते हैं. टैक्स की वसूली कैसे व कितनी हो रही है, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं रहती. कार्यालय अप-टू-डेट नहीं है. अधिकारियों का एप्रोच लेथार्जिक है.
सरकार आरआरडीए व नगर निगम कार्यालय को दुरुस्त करे. कोर्ट के निर्देश पर दूसरे सत्र में नगर आयुक्त सह आरआरडीए के प्रभारी उपाध्यक्ष प्रशांत कुमार रिपोर्ट के साथ आनन-फानन में सशरीर हाजिर हुए. अधिवक्ता के आग्रह पर खंडपीठ ने वेतन स्थगित करने संबंधी आदेश को वापस ले लिया. साथ ही शपथ पत्र के माध्यम से रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता भरत कुमार ने खंडपीठ को बताया कि नगर निगम अधिनियम में मोबाइल टावर, बिल्डिंग की परिभाषा में नहीं आता है. वैसी परिस्थिति में मोबाइल टावर लगाने पर निगम को टैक्स वसूलने का अधिकार नहीं है. इससे संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है. गौरतलब है कि प्रार्थी एटीसी टेलीकॉम टावर कॉरपोरेशन की ओर से याचिका दायर की गयी है.