27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कार्रवाई: दुष्कर्म पीड़िता के इलाज पर कोर्ट ने सरकार को दिया निर्देश, डीएसपी स्तर के अधिकारी ही करें पूरे मामले की जांच

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को घाटशिला के एक गांव में नौ वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के इलाज के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कड़े शब्दों में निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है. इलाज में विलंब क्यों हुआ. शुरुआत में […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को घाटशिला के एक गांव में नौ वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के इलाज के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कड़े शब्दों में निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है. इलाज में विलंब क्यों हुआ. शुरुआत में ही समुचित कदम क्यों नहीं उठाये गये. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच कांस्टेबल स्तर के अधिकारी नहीं, बल्कि डीएसपी स्तर के अधिकारी ही करें. इसे सुनिश्चित किया जाये. यह भी सुनिश्चित किया जाये कि जांच जल्द से जल्द पूरी हो.

आरोपी की पहचान के लिए शीघ्र टीआइ परेड करायी जाये. जिस दिन जांच पूरी होगी, उसके अगले दिन चार्जशीट दायर की जाये, ताकि निचली अदालत स्पीडी ट्रायल कर एक माह में फैसला सुना सके. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में हुई.
खर्च वहन करे सरकार
सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र पर खंडपीठ ने पूछा कि सदर अस्पताल में बच्ची का क्या इलाज किया गया, इस बारे में उपायुक्त की रिपोर्ट मौन क्यों है? जांच की क्या स्थिति है? अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, गिरफ्तार व्यक्ति का नाम क्यों नहीं है? खंडपीठ ने झालसा के सदस्य सचिव व उपायुक्त रांची को निर्देश दिया कि वे मेदांता अस्पताल जायें और वहां पर भरती पीड़िता की स्थिति की जानकारी हासिल करें. यह भी सुनिश्चित करें कि मेदांता में इलाज के बाद उसका आगे भी समुचित इलाज हो सके. इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करे.
बैंक में राशि फिक्स डिपोजिट करें
खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि बच्ची के परिवार को क्या-क्या सुविधाएं दी गयी है. बच्ची की शिक्षा व पुनर्वास की भी व्यवस्था होनी चाहिए. यह भी कहा कि उसके पिता के पास पैसे आ गये हैं, सरकार इस बात का ध्यान रखे. उस राशि का सदुपयोग हो, इसके लिए पिता के खाते में आयी राशि को पीड़िता के नाम बैंक में एक वर्ष के लिए फिक्सड डिपोजिट किया जाये. राज्य सरकार द्वारा तेजी से की गयी कार्रवाई पर खंडपीठ ने संतोष प्रकट किया. कहा कि पीड़िता के परिवार को राहत देने के लिए जो तत्काल कार्रवाई की गयी है, वह संतोषजनक कही जा सकती है. इस तरह की घटना की भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं हो, अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि पुनर्वास के लिए क्या व्यवस्था हो सकती है. रांची में रहने के लिए एक कमरे का फ्लैट दे. स्कूल में बच्ची का दाखिला हो. सरकार उसके पिता को नौकरी देने पर भी विचार करे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें