रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों ने घटनास्थल के आसपास तैनात पुलिस व प्रशासन के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. घटना के तत्काल बाद सरकार ने देवघर के डीसी अमित कुमार, एसपी पी मुरुगन और सिविल सर्जन समेत चार लोगों को निलंबित कर दिया था. सरकार ने यह कार्रवाई गृह सचिव की तत्कालिक जांच रिपोर्ट पर की थी. घटना में 10 कांवरिये की मौत हो गयी थी, जबकि 50 से अधिक घायल हो गये थे. घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी डीजीपी को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
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देवघर हादसा: डीएसपी व मजिस्ट्रेट पर भी कार्रवाई की अनुशंसा
रांची: देवघर में 10 अगस्त को हुई भगदड़ की घटना के लिए वहां तैनात डीएसपी, मजिस्ट्रेट, इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी व अन्य दारोगा भी जिम्मेदार हैं. दुमका प्रमंडल के आयुक्त व डीआइजी ने घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय को मिल गयी है. रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों ने […]
रांची: देवघर में 10 अगस्त को हुई भगदड़ की घटना के लिए वहां तैनात डीएसपी, मजिस्ट्रेट, इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी व अन्य दारोगा भी जिम्मेदार हैं. दुमका प्रमंडल के आयुक्त व डीआइजी ने घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय को मिल गयी है.
प्रशासनिक चूक के कारण हुई घटना : जानकारी के मुताबिक, रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भगदड़ की घटना प्रशासनिक चूक के कारण हुई. घटना की वजह लाइन के बीच में कांवरिये के घुसने को माना गया है. जिस जगह पर भगदड़ हुई, वहां पर अलग से एक रास्ता आकर मिलता है. इस रास्ते को बैरिकेडिंग कर बंद नहीं किया गया था. पर इसी रास्ते से वहां पहुंच कर कुछ कांवरिये लाइन के बीच में घुस रहे थे. इसे लेकर ही धक्का-मुक्की शुरू हुई. इसके अलावा घटनास्थल पर लाइट की कोई व्यवस्था नहीं थी. रिपोर्ट के मुताबिक, घटना की एक और बड़ी वजह लाइन को नियंत्रित करने के बजाय पुलिस द्वारा बल प्रयोग करना भी था.
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