सुरजीत सिंह, रांची बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी ने मुख्यमंत्री को पत्र (13 जुलाई 2015 को) लिख कर चतरा और हजारीबाग की पुलिस पर टीपीसी के उग्रवादियों से मिलीभगत का आरोप लगाया है. विधायक ने पत्र में कहा है कि चतरा और हजारीबाग में टीपीसी के उग्रवादी अवैध उगाही कर रहे हैं. टीपीसी के उग्रवादी […]
सुरजीत सिंह, रांची
बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी ने मुख्यमंत्री को पत्र (13 जुलाई 2015 को) लिख कर चतरा और हजारीबाग की पुलिस पर टीपीसी के उग्रवादियों से मिलीभगत का आरोप लगाया है. विधायक ने पत्र में कहा है कि चतरा और हजारीबाग में टीपीसी के उग्रवादी अवैध उगाही कर रहे हैं. टीपीसी के उग्रवादी दिन में भी हथियार के साथ खुलेआम आतंक पैदा कर रहे हैं. पिपरवार के आम्रपाली प्रोजेक्ट से निकलनेवाले कोयले से प्रति टन 254 रुपये और लिंकेज के कोयला उठाव से प्रति टन 200 रुपये की वसूली की जा रही है. यह काम पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है.
इस कारण टीपीसी उग्रवादियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. हालात यह है कि विधायक योजना से लेकर हर छोटी-बड़ी विकास योजनाओं में टीपीसी के उग्रवादी पैसा वसूल रहे हैं. विधायक ने एसआइटी का गठन कर पूरे मामले की जांच का अनुरोध किया है. इस पर कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने छह अगस्त को गृह सचिव को पत्र लिख कर मामले में नियमानुसार कार्रवाई का आदेश दिया.
गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिख कर कार्रवाई का निर्देश दिया, लेकिन अब तक इस मामले में कोई जांच शुरू नहीं की गयी. उल्लेखनीय है कि मई माह में भी विधायक ने एक पत्र मुख्य सचिव को लिखा था, जिसमें कहा था कि टीपीसी-जेपीसी के उग्रवादियों को कांट्रैक्ट का काम दिया जा रहा है. इस पर अब तक जांच नहीं हुई है.
विरोध करनेवालों की हो जाती है हत्या
विधायक ने अपने पत्र में कहा है कि जो भी व्यक्ति अवैध वसूली के खिलाफ खड़ा होता है, उसकी हत्या कर दी जाती है. खलारी में शिवदयाल साव और बचरा में राजेंद्र राम व श्याम ठाकुर की हत्या कर दी गयी. पत्र में साफ कहा है कि हत्या की जांच को पुलिस दूसरी दिशा में मोड़ देती है, क्योंकि अवैध वसूली का हिस्सा पुलिस-प्रशासन के स्थानीय व वरीय पदधिकारियों को भी मिलता है. अवैध वसूली की राशि प्रति माह करोड़ों में है.
पाल्टा ने कार्रवाई की, तो हटा दिये गये
विधायक के पत्र के मुताबिक एडीजी अनिल पाल्टा ने टीपीसी के उग्रवादियों की अवैध वसूली के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. इसके बाद करोड़ों रुपये जब्त किये गये, लेकिन कुछ दिन में ही साजिश के तहत उन्हें उस पद से हटा दिया गया.