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विधानसभा: निर्मला की गिरफ्तारी पर विपक्ष तमतमाया, सरकार निशाने पर, बोले सीएम कानून की नजर में सब बराबर

रांची: बुधवार को सदन का सत्र शुरू होते ही कांग्रेस विधायक निर्मला देवी की गिरफ्तारी का मामला उठा. विधायक की गिरफ्तारी को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही. सदन में मामले को लेकर हो-हंगामा हुआ. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा िक कानून की नजर में सभी बराबर हैं. सत्र शुरू हाेते ही कांग्रेस विधायक […]

रांची: बुधवार को सदन का सत्र शुरू होते ही कांग्रेस विधायक निर्मला देवी की गिरफ्तारी का मामला उठा. विधायक की गिरफ्तारी को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही. सदन में मामले को लेकर हो-हंगामा हुआ. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा िक कानून की नजर में सभी बराबर हैं.

सत्र शुरू हाेते ही कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम और इरफान अंसारी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाया. आलमगीर आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि मामले की जांच करायेंगे. डीजीपी को बोला भी गया था. मामले की जांच हुई नहीं और विधानसभा के गेट से निकलते वक्त विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया. प्रदीप यादव ने कहा कि अरेस्टिंग गलत है. न्यायालय भी सत्र में भाग लेने की अनुमति देता है.

हजारीबाग पुलिस को बताना चाहिए कि विधायक की गिरफ्तारी के बाद वहां एक भी वारंटी नहीं बचा. सरकार जनता की अावाज दबा रही है. विपक्ष के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री ने सरकार का पक्ष रखा. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में कानून और संविधान की रक्षा का संकल्प लेते हैं. कानून सब के लिए बराबर है. यह सही है कि आलमगीर आलम के नेतृत्व में विधायक हमारे पास आये थे. हमने डीजीपी को जांच करने भी कहा था. सदन को जांच से अवगत करा दिया जायेगा. इस पर आलमगीर आलम का कहना था कि एक ही दिन में जांच पूरी होगी. इस पर सीएम ने कहा : मैंने उनको आश्वासन दिया था. जांच हो रहा था, कल वह वेल में आ गयी. प्रदीप यादव ने कहा िक कोई वेल में आ जायेगा, तो आप गिरफ्तार करा देंगे. वेल में आना गुनाह है. यह कहते हुए प्रदीप यादव वेल में घुस गये. इसके बाद सदन में हंगामा बढ़ गया. सत्ता पक्ष के विधायक भी खड़े हो गये.


इसके बाद सरयू राय ने पूरे मामले में सरकार का पक्ष रखा. श्री राय ने कहा मामले को विधायिका बनाम प्रशासन ना बनायें. उन्होंने कहा कि घटना के तार पहले से जुड़े हैं. रैली स्कूल से जबरदस्ती निकाली गयी. भीड़ को उकसाया गया. पुलिस की रायफल छिनी गयी. 20 से ज्यादा जवान घायल हुए. पूर्व की सरकार ने भी पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को गिरफ्तार किया था. उन पर उग्रवादियों के संबंध रखने, लेवी लेने जैसे आरोप थे. उस प्रकरण के सूत्र आज भी जुड़े हैं. सरकार को विस्थापितों का ख्याल है. हमने मुआवजा 15 से बढ़ा कर 20 लाख रुपये किये. निहित स्वार्थ के लिए बार-बार काम रुकवाया जाता रहा है. विधायक वारंटी थी. वह सदन आ रही थीं. किसी साजिश के तहत गिरफ्तारी नहीं हुई है. विधायक अरूप चटर्जी का कहना था कि एक ओर विधायक की गिरफ्तारी हो रही है, दूसरी ओर सत्ता पक्ष के विधायक ढुल्लू महतो से केस वापसी की तैयारी चल रही है. सदन की कमेटी बना कर जनप्रतिनिधियों के मामले की जांच करा ली जाये. स्पीकर ने सदन को आश्वसत किया कि सदन में किसी सदस्य की आवाज नहीं रोकी जायेगी. हम सरंक्षण देंगे. यह मामला विधानसभा के बाहर का है. इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं.
मेरे मोबाइल में एक टेप है, कहें तो सुना दूं : हेमंत
प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने मामले में कहा कि मुख्य सचिव ने डीसी-एसपी को पत्र लिखा है कि जनप्रतिनिधियों के साथ न बैठें. यह धमकी भरा पत्र है. इस राज्य में जनप्रतिनिधि बनना जैसे गुनाह हो गया है. विधायक हो या सांसद सरकारी पदाधिकारियों के पास काम से जाते हैं. कोई घूस का पैसा लेने नहीं जाते हैं. मेरे मोबाइल में रिकॉर्डर है. एक टेप है. कहें तो सुना दूं. इस राज्य में अधिकारी किस तरह बेलगाम हो गये हैं, पता चल जायेगा. निर्मला देवी ने चाेरी नहीं की थी. एक दर्जन से ज्यादा धारा लगा दी गयी है. कोयला माफिया को छुड़वा दिया जाता है और विरोधी दल के विधायक गिरफ्तार हो जाते हैं. विधायिका का मान-सम्मान नहीं बचा. विपक्ष को दबाया जा रहा है.
बाबाधाम व बासुिकनाथ के लिए बनेगा प्राधिकार
रांची. देवघर के बाबाधाम और बासुिकनाथ के लिए प्राधिकार का गठन किया जायेगा. प्राधिकार दोनों ही जगहों के धर्मस्थल की व्यवस्था से लेकर विकास कार्य को संचालित करेगा. बुधवार को सदन में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्राधिकार के गठन की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों जगह राज्य के लिए ऐतिहासिक हैं. सरकार के अंदर सैद्धांतिक सहमति बनी है कि प्राधिकार का गठन किया जाये. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इसका गठन होगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि तिरूपति की तर्ज पर व्यवस्था लागू करने पर भी विचार हो रहा है. देश में दूसरे प्रमुख धर्मस्थलों की व्यवस्था का सरकार अध्ययन कर रही है.
शून्य काल में उठे मामले
जगन्नाथ महतो : सरकार 165 इंटर कॉलेज को अंगीभूत करे.
दशरथ गगराई : खाद्य सुरक्षा गारंटी के सर्वे में सरकेला-खरसावां में गड़बड़ी है.
राजकुमार यादव : राजधनवार में महिला कॉलेज का निर्माण करायें.
सत्येंद्र नाथ तिवारी : गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में सड़क पक्कीकरण करायें.
अनील मुरमू : लिट्टीपाड़ा, आम्रपाड़ा में मलेरिया कैंप लगायें, विशेष दल भेजें.
ताला मरांडी : बाेरियो में राजमहल माइंस के लाभ की 25 प्रतिशत राशि क्षेत्र के विकास कार्य में खर्च हो.
गंगोत्री कुजूर : मांडर में अर्द्ध निर्मित पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण करायें.
नारायण दास : देवघर ड्राय जोन, सरकार पेयजल की व्यवस्था करे.
मनोज यादव : बिहार सरकार ने पुलिसकर्मी सहित दरोगा एवं इंस्पेक्टर को उपार्जित अवकाश सहित 13 महीने का वेतन देने की स्वीकृति दी है. झारखंड सरकार भी इसे लागू करे.
सरकारी स्कूलों में भी चले स्मार्ट क्लास
शून्यकाल के दौरान विरंची नारायण ने निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों की पढ़ाई के स्तर की तुलना की. श्री नारायण ने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा का समान स्तर उपलब्ध नहीं है. निजी स्कूलों में अत्याधुनिक संचार माध्यम जैसे स्मार्ट क्लास चलते हैं. वहीं ग्रामीण स्कूलों में आधुनिक शिक्षा पद्धति का घोर अभाव है. सरकारी स्कूल में भी स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जाये.

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