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50 हजार पारा शिक्षकों ने डाला डेरा

आंदोलन : पत्नी व बच्चों के साथ राजधानी पहुंचे, निकाली रैली, मोरहाबादी में हुआ जुटान मुख्यमंत्री ने बुधवार तक निर्णय लेने का दिया आश्वासन रांची : शनिवार को राज्य के लगभग 50 हजार पारा शिक्षकों का जमावड़ा राजधानी में लगा़ इन्होंने घोषणा की है िक इनकी मांगों पर िनर्णय होने तक सभी रांची में ही […]

आंदोलन : पत्नी व बच्चों के साथ राजधानी पहुंचे, निकाली रैली, मोरहाबादी में हुआ जुटान
मुख्यमंत्री ने बुधवार तक निर्णय लेने का दिया आश्वासन
रांची : शनिवार को राज्य के लगभग 50 हजार पारा शिक्षकों का जमावड़ा राजधानी में लगा़ इन्होंने घोषणा की है िक इनकी मांगों पर िनर्णय होने तक सभी रांची में ही डटे रहेंगे. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के बैनर तले पारा शिक्षक सुबह से ही मोरहाबादी में जमा होने लगे थे. 11 बजे तक हजारों की संख्या में पारा शिक्षक मैदान में जमा हो गये.
ये मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की तैयारी कर रहे थे. इसी बीच पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वार्ता के लिए बुलाया़ वार्ता के बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय दूबे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार पारा शिक्षकों को निश्चित वेतनमान देने पर सहमत है. साथ ही 60 वर्ष तक सेवा अवधि के लिए भी सरकार उचित कार्रवाई करेगी. इसके लिए सरकार ने बुधवार तक का समय मांगा है. निर्णय लिया गया कि बुधवार तक पारा शिक्षक रांची के मोरहाबादी मैदान में ही जमे रहेंगे.
मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के बाद पारा शिक्षक संघ के नेताओं का एक गुट बुधवार तक के लिए आंदोलन स्थगित करने के पक्ष में था. उनका कहना था कि मुख्यमंत्री के आश्वासन पर सरकार को समय देना चाहिए. पर जिलों से आये पारा शिक्षक इसके पक्ष में नहीं थे. उनका कहना था कि जब तक ठोस निर्णय नहीं होता, वे रांची से नहीं जायेंगे.
पारा शिक्षकों का एक गुट कल घेरेगा विधानसभा
झारखंड राज्य सहयोगी शिक्षामित्र पारा शिक्षक संघ के बैनर तले पारा शिक्षकों का दूसरा गुट 24 अगस्त को विधानसभा का घेराव करेगा़ संघ के प्रवक्ता ऋषिकेश पाठक ने बताया कि विधानसभा के समक्ष आमरण-अनशन किया जायेगा.
रांची : राज्य गठन के बाद शुरुआत में पारा शिक्षक अभियान विद्यालय में नियुक्त किये गये थे. डीपीइपी कार्यक्रम के तहत पारा शिक्षकों को प्रतिमाह 500 रुपये मानदेय दिया जाता था. सर्व शिक्षा अभियान शुरू होने के बाद वर्ष 2003 में पारा शिक्षकों का मानेदय बढ़ाकर एक हजार कर दिया गया.
वर्ष 2004 में मानदेय बढ़ाकर दो हजार किया गया़ 2005 में आंदोलन के बाद पारा शिक्षकों के मानदेय को तीन स्लैब में बांट दिया गया. पारा शिक्षक को 2500, 3000 व 3500 रुपये दिया जाने लगा. वर्ष 2009 में मानदेय बढ़ाकर 5000, 5500 व 6000 रुपये कर दिया गया. वर्तमान में एक पारा शिक्षक को न्यूनतम 6700 व अधिकतम 8400 रुपये मानदेय मिलता है. पारा शिक्षक अपनी मांग को लेकर अब तक 166 दिन हड़ताल कर चुके हैं. वर्ष 2010 में पारा शिक्षक 49 दिनों तक हड़ताल पर रहे थे. इससे पूर्व 2007 में 30 दिन, 2008 में 33 दिन व 2009 में 40 दिन व वर्ष 2012 में 63 दिन तक हड़ताल पर रहे थे.
आंदोलन के दौरान पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज भी हुआ. एक शिक्षक की मौत भी हुई. पारा शिक्षकों ने जब भी आंदोलन किया उनके मानदेय में वृद्धि हुई. अब पारा शिक्षक पड़ोसी राज्य के बिहार व छत्तीसगढ़ के तर्ज पर सेवा स्थायी करने व निश्चित वेतनमान की मांग कर रहे हैं.

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