रांची : झारखंड के अंचल कार्यालय में अब राजस्व से संबंधित कार्यों को निबटाने की जगह, पेंशन बंटवारे पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. प्रत्येक मंगलवार और गुरुवार को पेंशन, अन्य कार्य भी संचालित किये जाने का सरकार ने आदेश दे रखा है. ये कार्य भी कार्यालयों में सही तरीके से निष्पादित नहीं हो रहे हैं.
राजस्व संबंधी कार्य भी बाधित हो रहा है. अंचल कार्यालयों में वासगीत जमीन का बंदोबस्त करने, लगान रसीद काटने, दाखिल खारिज करने, सरकारी औैर गैर सरकारी भूमि की मापी करने, विवादास्पद भूमि मामलों के बारे में सदर अनुमंडल अधिकारी को रिपोर्ट भेजने का काम करना जरूरी है. इतना ही नहीं, जनगणना का कार्य करने और दूसरे सरकारी सर्वेक्षणों का काम भी कार्यालय से ही कराया जा रहा है. सरकार का कहना है कि अंचल अधिकारियों की राज्य में कमी है. फूल स्ट्रेंग्थ की जगह 70-80 अंचलों में प्रखंड विकास पदाधिकारियों को सीओ का चार्ज दिया गया है.
अन्य दिनों में नहीं रहते हैं सीओ और अन्य कर्मी: कार्यालयों में मंगल दिवस को छोड़ अन्य दिनों में न तो अंचल अधिकारी और न ही कार्यालय के अन्य कर्मी उपस्थित रहते हैं. कार्यालय में अंचल निरीक्षक, हल्का कर्मचारी, मुंशी, अमीन और अन्य कर्मियों का रहना अनिवार्य किया गया है. पर ये भी समय पर कभी कार्यालय नहीं आते हैं. राज्य के अधिकतर अंचल कार्यालयों की स्थिति यही है. अंचल अधिकारियों के भूमि विवाद का निबटारा करने के पहले की प्रारंभिक गतिविधियों को पूरा करने का अधिकार दिया गया है, पर अधिकतर जगहों पर अंचल अधिकारी कार्यालय ही नहीं जाते हैं. सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन वितरण का काम अंचलों को दे दिया है. पेंशन वितरण के अलावा जाति, स्थानीय और अन्य प्रमाण पत्रों के वितरण का काम भी कार्यालय से किया जाना है. सीओ की अनुपस्थिति की वजह से समय पर ये प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाते हैं. सीओ और अन्य कर्मियों के नहीं आने से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.