रांची : झारखंड में कॉमर्शियल बिजली दर महंगी है. यहीं बिजली आपूर्ति की लाइसेंसी कंपनी जुस्को के मुकाबले सरकारी वितरण कंपनी की बिजली लगभग 2.40 रुपये प्रति यूनिट महंगी है. झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (जेसिया) की पावर सब कमेटी के अध्यक्ष अजय भंडारी ने बिजली वितरण निगम कंपनी के समक्ष यह आपत्ति दर्ज करायी है. […]
रांची : झारखंड में कॉमर्शियल बिजली दर महंगी है. यहीं बिजली आपूर्ति की लाइसेंसी कंपनी जुस्को के मुकाबले सरकारी वितरण कंपनी की बिजली लगभग 2.40 रुपये प्रति यूनिट महंगी है. झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (जेसिया) की पावर सब कमेटी के अध्यक्ष अजय भंडारी ने बिजली वितरण निगम कंपनी के समक्ष यह आपत्ति दर्ज करायी है. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित टैरिफ पर वितरण कंपनी को आपत्ति मंगाने का निर्देश दिया गया था. 14 अगस्त तक अापत्ति दर्ज करानी थी.
जेसिया द्वारा दर्ज करायी गयी आपत्ति में कहा गया है कि जमशेदपुर में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी जुस्को के मुकाबले वितरण कंपनी की टैरिफ 30 से 70 फीसदी तक महंगी है.
दर बढ़ाने की रफ्तार यही रही, तो राज्य में लघु उद्योग बंद हो जायेंगे. उन्होंने कहा है कि वितरण कंपनी के प्रस्तावित टैरिफ से यह तथ्य सामने आया है कि तीन वर्षों में वितरण निगम को 7353 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. श्री भंडारी ने कहा है कि वितरण कंपनी सस्ती बिजली खरीदती है और महंगी दर पर बेचती है, इसके बावजूद कंपनी को घाटा होना आश्चर्य की बात है.