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हाल लैब मेडिसिन विभाग का
लैब मेडिसिन विभाग की स्थापना दो जून 2014 को हुई थी रांची : रिम्स का लैब मेडिसिन विभाग एक साल बाद भी मरीजों को लाभ नहीं पहुंचा पाया है. लैब में अभी तक एक भी मरीज की जांच नहीं की गयी है. विभाग में मरीजों की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें मंगा ली गयी हैं, […]
लैब मेडिसिन विभाग की स्थापना दो जून 2014 को हुई थी
रांची : रिम्स का लैब मेडिसिन विभाग एक साल बाद भी मरीजों को लाभ नहीं पहुंचा पाया है. लैब में अभी तक एक भी मरीज की जांच नहीं की गयी है. विभाग में मरीजों की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें मंगा ली गयी हैं, लेकिन इसका उपयोग नहीं किया गया है. कई मशीनों का पैक तक नहीं खोला गया है.
कई मशीनों को पॉलीथिन से ढक कर रखा गया है. रिम्स के लैब मेडिसिन एवं जेनेटिक विंग के अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते है. लैब मेडिसिन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि उनके पास जेनेटिक विभाग की ओपीडी से मरीज को जांच के लिए नहीं भेजा जाता है. वहीं जेनेटिक विंग के अधिकारी कहते है कि लैब मेडिसिन में जांच के लिए टेक्निशियन एवं पारा मेडिकल स्टॉफ ही नहीं है.
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