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फरजी डिग्री मामले में प्राथमिकी
2015 में बने परीक्षा नियंत्रक का नकली हस्ताक्षर 2001 की डिग्री में मिला रांची : फरजी डिग्री निकालने आये विद्यार्थी अमरनाथ नियोगी पर रांची विवि प्रशासन ने तीन अगस्त को स्थानीय कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. कोलकाता का रहनेवाला अमरनाथ नियोगी ने इंजीनियरिंग की डिग्री निकालने के लिए रांची विवि में आवेदन जमा […]
2015 में बने परीक्षा नियंत्रक का नकली हस्ताक्षर 2001 की डिग्री में मिला
रांची : फरजी डिग्री निकालने आये विद्यार्थी अमरनाथ नियोगी पर रांची विवि प्रशासन ने तीन अगस्त को स्थानीय कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
कोलकाता का रहनेवाला अमरनाथ नियोगी ने इंजीनियरिंग की डिग्री निकालने के लिए रांची विवि में आवेदन जमा किया. विवि प्रशासन ने जब इसकी जांच की, तो उसके नाम पर निर्गत मार्क्सशीट ही फरजी निकला. अमरनाथ के पास बीआइटी रांची के नाम से मार्क्सशीट जारी किया गया है.
जबकि बीआइटी रांची के नाम से कोई संस्थान नहीं है. बीआइटी मेसरा के नाम से यहां संस्थान हैं. विवि के कुलसचिव डॉ एके चौधरी ने प्रथम दृष्टया इसे फरजी मानते हुए अमरनाथ नियोगी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है.
मालूम हो कि इससे पूर्व भी रांची विवि के नाम पर कई बार पैसे लेकर फरजी डिग्री बांटने का मामला प्रकाश में आया है. इधर विवि प्रशासन को कनाडा से एक डिग्री की जांच के लिए मिली है. एनआइटी जमेशदपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री किसी सोनाली के नाम पर है. 2001 में जारी इस प्रमाण पत्र में परीक्षा नियंत्रक डॉ आशीष कुमार झा का हस्ताक्षर है, जबकि डॉ झा ने रांची विवि में बतौर परीक्षा नियंत्रक 2015 में योगदान दिया है. फिलहाल विवि प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है
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