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नगर विकास की समीक्षा बैठक में शामिल हुए सीएम
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जनप्रतिनिधियों को ठेका-पट्टा में नहीं उलझने की सलाह दी है. एटीआइ में नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राजनीति सेवा के लिए होती है, ठेका-पट्टा के लिए नहीं.जनप्रतिनिधियों को इस चक्कर में नहीं उलझना चाहिए. जनता के विश्वास पर खरा उतरना हर जनप्रतिनिधि का फर्ज […]
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जनप्रतिनिधियों को ठेका-पट्टा में नहीं उलझने की सलाह दी है. एटीआइ में नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राजनीति सेवा के लिए होती है, ठेका-पट्टा के लिए नहीं.जनप्रतिनिधियों को इस चक्कर में नहीं उलझना चाहिए. जनता के विश्वास पर खरा उतरना हर जनप्रतिनिधि का फर्ज है.
श्री दास ने कहा : किसी भी राज्य की पहचान वहां के शहरों से होती है. शहरों को समृद्ध एवं सुंदर बनाना जरूरी है. शहरों के विकास के लिए स्थानीय निकाय महत्वपूर्ण हैं. मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षदों को नगर निकाय के संसाधनों का सदुपयोग करना चाहिए. उनको अधिक से अधिक संसाधन एवं राजस्व की प्राप्ति के लिए मंथन करना चाहिए. निकायों के जनप्रतिनिधियों और अफसरों को टीम के रूप में काम करना चाहिए.
आम लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ कर लाभ पहुंचाने से सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ेगा.मुख्यमंत्री ने कहा : वर्ष 2019 तक पूरे राज्य को 24 घंटे बिजली-पानी उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है. भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन राज्य सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए सरकार ने सभी विभागों में आइटी का उपयोग शुरू किया है. किसी भी तरह का प्रमाणपत्र, नक्शों की ऑनलाइन स्वीकृति एवं जमीन संबंधी दाखिल-खारिज ऑनलाइन करने से बिचौलिये खत्म होंगे. जवाबदेह प्रशासन और गुड गवर्नेस से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. नगर निकाय पारदर्शी प्रशासन लाकर अपने धब्बे मिटाये. निकायों को पूरा अधिकार नहीं मिला है.
इस विसंगति को दूर करने के लिए काम किया जा रहा है. निकायों की रिक्तियां भरने के लिए जेपीएससी को निर्देशित किया गया है. निकाय भी अपने संसाधन बढ़ाने पर ध्यान दें. मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत बतायी. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत का सपना तभी पूरा होगा जब स्वच्छ झारखंड बनेगा.
रांची नगर निगम द्वारा एक अगस्त से रात में सफाई का काम शुरू करने की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य निकायों को भी इस तरह की योजना पर काम करने की सलाह दी.
वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत का सपना साकार करने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. समीक्षा बैठक में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा, धनबाद के मेयर चंद्र शेखर अग्रवाल, एटीआइ के महानिदेशक सुधीर प्रसाद व नगर विकास सचिव अरूण कुमार सिंह समेत विभिन्न शहरों के निकाय प्रतिनिधि और अधिकारी शामिल थे. संचालन टाउन प्लानर गजानंद राम ने किया.
सबको शुद्ध पेयजल देना प्राथमिकता : सीपी सिंह
समीक्षा बैठक में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा राज्य के शहरों में आधुनिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, शहरों को स्वच्छ एवं आकर्षक बनाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है. वर्ष 2022 तक हर बेघर परिवारों को सरकार घर देगी.
वर्ष 2017 तक प्रत्येक घर में पाइपलाइन से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति कराना सरकार की प्राथमिकता है. इस दिशा में काम किया जा रहा है. प्रत्येक घर में शौचालय निर्माण के लिए भी वर्ष 2019 को डेडलाइन बनाया गया है. शौचालय निर्माण के लिए सरकार लाभुक परिवारों को राशि मुहैया करा रही है.
निकाय आत्मनिर्भर बने
समीक्षा बैठक में धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्र शेखर अग्रवाल ने सरकार से शौचालय निर्माण के लिए दी जाने वाली 12 हजार की राशि बढ़ा कर 19 हजार करने और दो वर्षो तक निकायों को प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर लोन मांगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दोनों आग्रह ठुकराते हुए निकायों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी. कहा कि 12 हजार रुपये शौचालय बनाने के लिए पर्याप्त हैं.
जिनको शौचालय में टाइल्स लगाना है, वह अपने पैसे से लगवायें. लोन की मांग पर उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा से निकायों की मदद करती रही है. अब निकाय स्वयं आत्मनिर्भर बनें. वहीं, रांची की मेयर आशा लकड़ा ने संविधान के 74वें संशोधन को लागू करने की मांग की. मुख्यमंत्री ने उनको आश्वस्त करते हुए कहा कि इस पर काम चल रहा है. जल्द ही निकायों को संविधान में उल्लेखित पूरी शक्ति प्रदान की जायेगी.
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