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नये मास्टर प्लान में रेल कॉरिडोर भी
राजधानी में आगामी 25 वर्ष तक की आबादी और आवश्यकता के अनुरूप तैयार है योजना शहरी विकास पर बड़ी राशि खर्च किये जाने के बावजूद सुविधाओं में लगातार गिरावट हो रही है. ट्रैफिक जाम, जाम नालियां, संकरी सड़कें, अव्यवस्थित निर्माण जैसी परेशानियों से आम लोगों को रोज जूझना पड़ता है. शहरी आधारभूत संरचना पर नियंत्रण […]
राजधानी में आगामी 25 वर्ष तक की आबादी और आवश्यकता के अनुरूप तैयार है योजना
शहरी विकास पर बड़ी राशि खर्च किये जाने के बावजूद सुविधाओं में लगातार गिरावट हो रही है. ट्रैफिक जाम, जाम नालियां, संकरी सड़कें, अव्यवस्थित निर्माण जैसी परेशानियों से आम लोगों को रोज जूझना पड़ता है.
शहरी आधारभूत संरचना पर नियंत्रण नहीं होने का कारण खर्चो का एक साथ न होकर, छोटी-छोटी मात्र में अलग-अलग मदों में होना है. विशिष्ट विकास योजनाओं की कमी भी झलकती है. ऐसे में न तो रांची में बेहतर पर्यावरण का निर्माण हो रहा है, ना ही शहर का आर्थिक आधार मजबूत हो रहा है. रांची शहर को बेहतर और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार करने के उद्देश्य से नया मास्टर प्लान बनाया गया है. इसे शहर की आर्थिक क्षमता और विकास को तीव्रता देने के लिए बनाया गया है.
शहर के आर्थिक विकास, इंफ्रास्ट्रक्टचर, परिवहन, आवासन, पर्यावरण और शहर के विकास से जुड़े अहम मुद्दों के विस्तृत अध्ययन और विेषण के बाद मास्टर प्लान बनाया गया है. रांची के नये मास्टर प्लान को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है. कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही मास्टर प्लान में उल्लेखित प्रावधानों के अनुरूप निर्माण किये जायेंगे. इस मास्टर प्लान के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत करा रहे हैं प्रभात खबर के वरीय संवाददाता विवेक चंद्र.
रांची : वर्ष 2012 से तैयार किये जा रहे प्रस्तावित मास्टर प्लान को आगामी 25 वर्ष तक की आबादी और आवश्यकता का अनुमान लगा कर तैयार किया गया है. राजधानी की अनुमानित आबादी 31.58लाख की जरूरतों के मद्देनजर 65,202 वर्ग किमी क्षेत्रफल को ध्यान में रख कर मास्टर प्लान तैयार किया गया है.
इसमें रांची नगर निगम के 55 वार्ड (175.12 वर्ग किमी) और रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार क्षेत्र के कुल 114 (477.08 वर्ग किमी) राजस्व गांवों को शामिल किया गया है. प्लानिंग एरिया में कुल 184 गांव सम्मिलित हैं.
प्रस्तावित मास्टर प्लान की कुल अनुमानित जनसंख्या 31़.58 लाख में रांची नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत 22,90,054 लोगों के रहने का आकलन किया गया है. उस समय मास्टर प्लान में शामिल किये गये गांवों की आबादी 8,67,582 होने का अनुमान लगाया गया है.
प्रस्तावित मास्टर प्लान में रांची शहर के लिए निमार्णाधीन रिंग रोड के अलावा 45 मी चौड़ी और कुल 5,193 किमी लंबे इनर सर्कुलर रोड की परिकल्पना भी की गई है. इसके अलावा 16़8 किमी की लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम (एलआरटीएस) के लिए कॉरिडोर को चिह्न्ति किया गया है. बिरसा मुण्डा विमान पतनम के लिए 81,7़67 हेक्टेयर क्षेत्रफल का क्षेत्र चिह्न्ति किया गया है.
वर्ष 1983 के मास्टर प्लान में प्रस्ताव के अतिरिक्त इसके विस्तारीकरण का भाग 28,7.88 हेक्टेयर भी इसमें शामिल है. प्रारूप मास्टर प्लान में रांची के लिए एक ट्रक टर्मिनल, पांच इंटर सिटी बस टर्मिनल, 25 ग्रेट सेपरेटर्स और 12 रेल-ब्रिज का प्रावधान किया गया है.
मास्टर प्लान में निर्माण के संबंध में भी कई प्रावधान किये गये हैं. कांके डैम, धुर्वा डैम एवं रूक्का डैम के चारो ओर फुल टैंक लेबल (एफटीएल) से 20 मी की दूरी तक कोई भी निर्माण मान्य नहीं होगा. इस दूरी को सेट बैक के रूप में भी मान्यता नहीं होगी. पूर्व से भूमि का अधिग्रहण जिस उद्देश्य से किया गया होगा, उसका लैंड यूज नहीं बदलेगा. उसे ग्रीन एरिया भी माना जायेगा.
नदी तथा प्राकृतिक नाले से न्यूनतम 10-15 मी (जगह उपलब्धता के आधार पर) तक निर्माण कार्य मान्य नहीं होगा. हर हाल में नदी तथा प्राकृतिक नाले के किनारे से कम से कम 10 मी चौड़ी भू-पट्टी में निर्माण निषेध रहेगा. रिंग रोड तथा प्रस्तावित सरकुलर रोड के दोनों तरफ क्रमश: 15 मी एवं 10 मी चौड़ी भू-पट्टी ग्रीन बेल्ट के रूप में आरक्षित रहेगा.
प्लानिंग एरिया में स्थित गांवों के बसावट (सेलटमेंट) के चारों ओर 100 मीटर तक के क्षेत्र को गांव-आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आरक्षित किया गया है. इस क्षेत्र में नयी बहुमंजिली इमारतों आदि का निर्माण वजिर्त होगा.
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