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कारोबारी को अंगरक्षक देने के मामले की जांच शुरू

रांची : हजारीबाग के पत्थर कारोबारी सुखदीप सिंह गांधी को किसने और किसके आदेश पर दो अंगरक्षक उपलब्ध कराया गया था, इसकी जांच शुरू हो गयी है. स्पेशल ब्रांच के एक डीएसपी को मामले की जांच करने के लिए हजारीबाग भेजा गया है. इससे पहले हुई प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी थी कि […]

रांची : हजारीबाग के पत्थर कारोबारी सुखदीप सिंह गांधी को किसने और किसके आदेश पर दो अंगरक्षक उपलब्ध कराया गया था, इसकी जांच शुरू हो गयी है. स्पेशल ब्रांच के एक डीएसपी को मामले की जांच करने के लिए हजारीबाग भेजा गया है. इससे पहले हुई प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी थी कि हजारीबाग पुलिस ने सुखदीप सिंह गांधी को बिना स्पेशल ब्रांच की अनुशंसा और बिना जिला सुरक्षा समिति की मंजूरी के दो अंगरक्षक उपलब्ध कराया था.
मुख्य सचिव राजीव गौबा के आदेश पर जांच शुरू की गयी है. श्री गौबा ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. स्पेशल ब्रांच के डीएसपी को जांच कर जिम्मेदार अफसरों के नाम की जानकारी पुलिस मुख्यालय को देनी है.
उल्लेखनीय है कि पांच अप्रैल 2015 को प्रभात खबर में इससे संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद मुख्य सचिव ने जांच का आदेश दिया था. प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि हजारीबाग पुलिस ने सुखदीप सिंह को सिपाही (संख्या-1543) रणविजय सिंह और सिपाही (संख्या-1001) विरेंद्र कुमार सिंह को पिस्तौल के साथ अंगरक्षक के रूप में प्रतिनियुक्ति किया था. पुलिस मुख्यालय की ओर से 24 दिसंबर को एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें सभी के अंगरक्षक वापस करने कोकहा गया था. इस आदेश के जारी होने के बाद भी गांधी को दिया गया अंगरक्षक वापस नहीं किया गया.
10 जनवरी को जब मुख्यालय ने दुबारा सभी जिलों के एसपी को कड़ा पत्र लिखा, तब 23 जनवरी को एक अंगरक्षक सिपाही विरेंद्र सिंह को वापस किया गया. दुबारा पत्र लिखे जाने के बाद 27 फरवरी को दूसरा अंगरक्षक वापस किया गया.

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