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टाटा मोटर्स को इंसेंटिव देने पर वाणिज्य कर विभाग असहमत

रांची : वाणिज्यकर विभाग ने ग्रोस वैट के आधार पर इंसेंटिव देने पर असहमति जतायी है. टाटा मोटर्स ने ग्रोस वैट के आधार पर तीन हजार करोड़ के निवेश पर इंसेंटिव की मांग उद्योग नीति के तहत उद्योग विभाग से की है. टाटा मोटर्स की इस मांग पर सोमवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता […]

रांची : वाणिज्यकर विभाग ने ग्रोस वैट के आधार पर इंसेंटिव देने पर असहमति जतायी है. टाटा मोटर्स ने ग्रोस वैट के आधार पर तीन हजार करोड़ के निवेश पर इंसेंटिव की मांग उद्योग नीति के तहत उद्योग विभाग से की है. टाटा मोटर्स की इस मांग पर सोमवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई.
इसमें उद्योग विभाग ने वाणिज्यकर विभाग से यह जानना चाहा था कि टाटा मोटर्स को ग्रोस वैट के आधार पर इंसेंटिव दिया जा सकता है या नहीं. वाणिज्यकर सचिव निधि खरे ने औद्योगिक नीति में निहित प्रावधानों के तहत टाटा मोटर्स के प्रस्ताव पर असहमति जतायी.
बैठक में श्रीमती खरे ने वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि औद्योगिक नीति में नेट वैट के आधार पर इंसेंटिव देने का प्रावधान है. वाणिज्य कर के आंकड़ों के अनुसार टाटा मोटर्स का नेट वैट निगेटिव है.
वाणिज्यकर सचिव ने टाटा मोटर्स द्वारा किये जा रहे स्टॉक ट्रांसफर का मुद्दा भी उठाया. इस मुद्दे पर टाटा मोटर्स की ओर से व्यापारिक कठिनाइयों का हवाला दिया गया. निधि खरे ने इस पर भी असहमति जतायी और मारुति उद्योग लिमिटेड का उदाहरण दिया.
उन्होंने बताया कि मारुति उद्योग लिमिटेड का स्टॉक ट्रांसफर 0.4 प्रतिशत ही है. अगर टाटा मोटर्स भी चाहे तो झारखंड में ही इनवायस कार्ड पर अपनी सामग्रियों की बिक्री कर सकता है. इससे राज्य को फायदा होगा.
वाणिज्यकर सचिव की बातों को सुनने के बाद सीएम ने टाटा मोटर्स को यह निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के अंदर इस विषय पर सोच-विचार कर अपनी बात सरकार के समक्ष रखें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कार्यरत निजी उद्यमों एवं सरकारी उपक्रमों को स्थानीय युवाओं के रोजगार के अवसर एवं राज्य के राजस्व की वृद्धि को ध्यान में रख कर कार्य किया जाये. राज्य में अवस्थित उद्योगों द्वारा स्टॉक ट्रांसफर किये जाने के कारण राज्य को राजस्व घाटा होता है.
अत: उत्पादन इकाइयों के साथ-साथ विपणन एवं वितरण का केंद्र भी राज्य में ही अवस्थित हो तो वाणिज्य-कर का फायदा राज्य को मिलेगा, जिससे विकास कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाये जा सकते हैं. बैठक में टाटा मोटर्स जमशेदपुर के प्लांट हेड एबी लाल एवं सीआइआइ के एसके बेहेरा समेत विकास आयुक्त आरएस पोद्दार, खान विभाग के प्रधान सचिव एसके सतपथी, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, उद्योग सचिव हिमानी पांडेय उपस्थित थे.

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