रांची: पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पाइप बिछाने की योजना बनायी गयी है. इसके पहले चरण में राज्य के सात जिलों में 10 प्रखंडों के अंतर्गत पड़ने वाली 45 पंचायतों में पाइप जलापूर्ति योजना तैयार कर ली गयी है.
इस योजना के तहत 32 करोड़ रुपये खर्च कर 3,46,896 की आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. दो से ढ़ाई वर्ष के बीच पूरी होने वाली योजना से दुमका जिले के सरैया हाट प्रखंड अंतर्गत चार पंचायत, साहेबगंज जिले के वरहरवा प्रखंड अंतर्गत दो पंचायत, सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड अंतर्गत एक पंचायत, चतरा जिले के पथलगढा प्रखंड अंतर्गत तीन पंचायत, पलामू जिले के पांकी व छत्तरपुर प्रखंड अंतर्गत एक-एक पंचायत, कोडरमा जिले के सतगावां प्रखंड अंतर्गत चार पंचायत और धनबाद जिले के टुंडी पूर्वी, बलियापुर व टुंडी प्रखंड के क्रमश: पांच, 15 व नौ पंचायतें लाभान्वित होंगी. योजना से आस-पास के प्रखंड कार्यालय, आवास, विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन के साथ-साथ सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में भी जलापूर्ति की जायेगी.
सड़क दुर्घटना के शिकार होते हमारे अपने
रांची के रहने वाले तथा इंडिया विल नॉट डाइ ऑन रोड्स अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक राजेश दास ने मन की बात से पहले प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी. उनका ध्यान सड़क दुर्घटना से होने वाले नुकसान की ओर खींचा था. प्रधानमंत्री ने रविवार को अपने मन की बात में श्री दास के पत्र में दिये गये तथ्यों का भी जिक्र किया. यहां प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी के अंश दिये जा रहे हैं.
महोदय, गत वर्षो में सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है. आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक मौत किशोरों व युवाओं की होती है. इनमें दोपहिया वाहन दुर्घटना में सबसे अधिक लोग मरते हैं.
लगभग हर परिवार या उनके संबंधी अथवा परिचित सड़क दुर्घटना का शिकार जरूर हुआ होगा. ऐसी दुर्घटनाओं में हम भारत के अच्छे व गुणी बच्चों को भी खो रहे हैं. वे इस देश को अच्छे देशों की कतार में खड़ा करने की क्षमता रखते हैं. किसी की मौत पर उसके परिजनों के दुख का अंदाजा लगाया जा सकता है. मैंने भी अपने छोटे भाई को एक सड़क दुर्घटना में ही खोया है.
भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है. हमारे देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है. वहीं इसके साथ सड़क दुर्घटना में भी लगातार इजाफा हो रहा है. हमारे शहरों में आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट व बेहतर सड़कों के अभाव में सड़कों पर गाड़ियां रेंगते हुए चलती हैं. इससे तेल की खपत बढ़ती है तथा विदेशी मुद्रा का भंडार घटता है. अगर हम ट्रैफिक सिस्टम सुधार लें, तो एक साथ कई लाभ होंगे.
मैंने अपने अनुभव तथा सामान्य ज्ञान से गो इंडिया नामक एक मोबाइल एप्स की परिकल्पना की है, जिसे कोई भी सड़क यात्र के दौरान या इससे पूर्व इस्तेमाल कर अपनी यात्र को सुखद बना सकता है. इस प्रकार का एप्स आपके निर्देशन में चल रहे डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लिए भी सहायक साबित होगा.