रांची: मानव संसाधन विभाग ने कॉलेजों व विवि में विद्यार्थियों के लिए कोचिंग सेंटर संचालन का निर्णय लिया है. प्राइवेट कोचिंग की तर्ज पर यहां भी विद्यार्थियों को केंद्रीय सेवाओं, बैंकिंग, मैनेजमेंट, स्टाफ सेलेक्शन व नेट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करायी जायेगी. खास कर गरीब विद्यार्थियों के एकेडमिक स्किल व नॉलेज बढ़ाने के […]
रांची: मानव संसाधन विभाग ने कॉलेजों व विवि में विद्यार्थियों के लिए कोचिंग सेंटर संचालन का निर्णय लिया है. प्राइवेट कोचिंग की तर्ज पर यहां भी विद्यार्थियों को केंद्रीय सेवाओं, बैंकिंग, मैनेजमेंट, स्टाफ सेलेक्शन व नेट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करायी जायेगी. खास कर गरीब विद्यार्थियों के एकेडमिक स्किल व नॉलेज बढ़ाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है. इस नयी योजना के लिए कुल 50 लाख रु का फंड रखा गया है.
रांची विवि को 15 लाख, विनोबा भावे विवि को 15 लाख, सिदो-कान्हू विवि को आठ लाख, नीलांबर-पीतांबर विवि को चार लाख तथा कोल्हान विवि को सेंटर के लिए आठ लाख रु दिये जाने हैं. रांची विवि के कुलपति डॉ आरके पांडेय ने कहा कि वह जल्द ही अपने विवि में कोचिंग सेंटर शुरू करने वाले हैं.
यहां अपने शिक्षकों के अलावा बाहरी शिक्षकों से सेवा देने को कहेंगे. उनका मानना है कि ज्यादातर लोग अपनी सेवाएं नि:शुल्क दे सकते हैं. पर यदि कोई भुगतान चाहेगा, तो सरकार के फंड से यह भुगतान किया जायेगा. प्रो पांडेय ने कहा कि विभाग से सेंटर के लिए अभी फंड मिला नहीं है. रांची विवि में 15 अगस्त तक यह सेंटर शुरू हो सकता है. यह योजना वैसे तो गरीब बच्चों के लिए है पर कोई भी इच्छुक विद्यार्थी इस कोचिंग सेंटर का लाभ उठा सकेगा.
संचालन में गंभीरता जरूरी
एक विभागीय अधिकारी ने कहा कि कल्याण विभाग में इसी तरह की योजना संचालित थी. जनजातीय शोध संस्थान के माध्यम से जनजातीय बच्चों को कोचिंग दी जाती थी, पर उक्त कोचिंग की बदौलत किसी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने वाले ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते. विवि की कोचिंग का भी यही हाल न हो, इसके लिए सेंटर का संचालन पूरी गंभीरता से होना जरूरी है.