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836 क्विंटल चावल, 261 क्विंटल गेहूं बरबाद
अनाज से अधिक सड़ गया है सिस्टम, नौ साल से गोदाम में पड़ा था गरीबों के बीच बांटने के लिए रखा हुआ था चावल संजय रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग का 836.58 क्विंटल चावल तथा 261.59 क्विंटल गेहूं बरबाद हो गया है. करीब नौ साल तक कडरू गोदाम में रखा यह अनाज सरकारी बाबुओं की […]
अनाज से अधिक सड़ गया है सिस्टम, नौ साल से गोदाम में पड़ा था
गरीबों के बीच बांटने के लिए रखा हुआ था चावल
संजय
रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग का 836.58 क्विंटल चावल तथा 261.59 क्विंटल गेहूं बरबाद हो गया है. करीब नौ साल तक कडरू गोदाम में रखा यह अनाज सरकारी बाबुओं की लापरवाही से सड़ गया. इसमें कीड़े लग रहे हैं तथा इससे बदबू आ रही है. फिर भी इसे बढ़िया अनाज रखने की जगह पर रखा गया है.
इससे ठीक अनाज के भी खराब होने की संभावना बढ़ गयी है. गोदाम प्रभारी व अन्य कनीय अधिकारी बड़े लोगों की अनुमति के इंतजार में इसे वहीं रखने को विवश हैं. यह चावल व गेहूं वर्ष 2006-07 से गोदाम में है. चावल एपीएल, मध्याह्न् भोजन व अंत्योदय योजना का है.
वहीं कुल 261.59 क्विंटल में से 97.78 क्विंटल गेहूं जिला प्रशासन का जब्त किया हुआ है. इसके अलावा 163.91 क्विंटल लाल गेहूं तो डस्ट (धूल) में बदल चुका है. सूत्रों के अनुसार एपीएल, मध्याह्न् भोजन व अंत्योदय योजना का चावल बेकार रखा रह जाना कई सवाल खड़े करता है. पूर्व के गोदाम प्रभारियों तथा तत्कालीन वरीय अधिकारियों ने इसे उक्त योजनाओं में एडजस्ट क्यों नहीं किया, इसका कारण स्पष्ट नहीं है.
दरअसल एक गोदाम प्रभारी से दूसरे गोदाम प्रभारी को यह अनाज लगातार ट्रांसफर किया जाता रहा है. इनमें से कुछ लोग तो सेवानिवृत्त होते वक्त दूसरे को चार्ज देते गये. यानी सड़ा अनाज एक प्रभारी से दूसरा प्रभारी लेता रहा. इनमें से कई प्रभारियों ने राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक (डीएम) को कई चिट्ठियां लिखी. उनसे सड़ा अनाज हटाने या नीलाम करने का आग्रह किया. वर्तमान प्रभारी सत्यव्रत सिंह ने 19 जून 2013, 23 जून 13, 18 जुलाई 13, 31 दिसंबर 13, 25 जुलाई 14, 14 अगस्त 14 तथा 15 अप्रैल 15 को एमडी को पत्र लिखा था.
पर यह काम आज तक नहीं नहीं हो सका है. एसएफसीके वर्तमान एमडी भी गोदाम भ्रमण नहीं करते. गौरतलब है कि उपरोक्त अनाज के अलावा वर्ष 2006 से कडरू गोदाम में करीब नौ हजार क्विंटल चावल भी पड़ा हुआ था, जो खराब होने के बाद कुछ माह पहले ही नीलाम हुआ है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका दोषी कौन है?
बदलते गये प्रभारी, अनाज होता रहा हैंडओवर
राम बहादुर त्रिया ने पीएन सिंह को. पीएन सिंह ने रामचंद्र पंडित को. रामचंद्र पंडित ने सुशील कुमार राय को तथा सुशील कुमार राय ने वर्तमान प्रभारी सत्यव्रत सिंह को.
इस दौरान रहे जिला प्रबंधक
प्रमोद कुमार सिंह, मनोज कुमार, अशोक सिंह, जेवियर हेरेंज, परवेज इब्राहिम तथा वर्तमान में फिर मनोज कुमार.
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