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सही नहीं है शिक्षक और छात्र अनुपात

रांची कॉलेज: एक शिक्षक पर 250 छात्र रांची : रांची विवि का सबसे पुराना अंगीभूत कॉलेज, रांची कॉलेज की स्थापना वर्ष 1926 में हुई. पहले इस कॉलेज के शानदार भवन को देखने लोग आते थे. छोटे-बड़े 403 कमरों का यह कॉलेज ऑटोनोमस है. इस कॉलेज में वर्तमान में इंटर की पढ़ाई नहीं होती है. भवन […]

रांची कॉलेज: एक शिक्षक पर 250 छात्र
रांची : रांची विवि का सबसे पुराना अंगीभूत कॉलेज, रांची कॉलेज की स्थापना वर्ष 1926 में हुई. पहले इस कॉलेज के शानदार भवन को देखने लोग आते थे. छोटे-बड़े 403 कमरों का यह कॉलेज ऑटोनोमस है.
इस कॉलेज में वर्तमान में इंटर की पढ़ाई नहीं होती है. भवन की स्थिति ठीक है. लेकिन कॉलेज सभागार की स्थिति बहुत खराब है. पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल में राज्य सरकार ने इसकी मरम्मत के लिए राशि भी मुहैया करायी, लेकिन मरम्मत नहीं हो सकी. क्लास रूम काफी बड़े-बड़े हैं.
यहां शिक्षक व विद्यार्थियों का अनुपात बहुत कम है. लगभग आठ हजार विद्यार्थियों के लिए 104 शिक्षक हैं. भूगर्भशास्त्र में एक ही शिक्षक हैं, जबकि विद्यार्थियों की संख्या 250 है. इसी प्रकार गणित में लगभग सात सौ विद्यार्थी हैं, लेकिन शिक्षक तीन ही हैं. दर्शनशास्त्र विषय में लगभग तीन सौ विद्यार्थी हैं, लेकिन शिक्षक दो ही हैं. इस कॉलेज में कई ऐसे विभाग भी हैं, जहां छात्रों की संख्या कम है, लेकिन उसके अनुपात में शिक्षक अधिक हैं.
जानकारी के अनुसार वनस्पतिशास्त्र में छात्रों की संख्या लगभग 50-60 है, लेकिन शिक्षकों की संख्या 18 है. इसी प्रकार जंतुविज्ञान में छात्रों की संख्या लगभग 100 है, लेकिन शिक्षकों की संख्या 17 है. संस्कृत में छात्रों की संख्या 10-15 है, लेकिन शिक्षकों की संख्या तीन है. बांग्ला में एक ही शिक्षक हैं, जबकि उड़िया में कभी छात्र थे, तो शिक्षक नहीं. अब न तो शिक्षक हैं और न ही छात्र हैं.
इतिहास, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, भूगोल आदि विषयों में छात्रों की संख्या बहुत है, जबकि शिक्षकों की भी संख्या कम है. भूगोल में वर्तमान में सात शिक्षक हैं, जिनमें दो शिक्षक परीक्षा विभाग में प्रतिनियुक्त हैं. पांच शिक्षक लगभग 300 विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं. इस कॉलेज में कई विषयों में स्नातकोत्तर की भी पढ़ाई होती है. कॉलेज में बीएड कोर्स चलते हैं, लेकिन एनसीटीइ के नियमानुसार अलग भवन जरूरी है.
अब कॉलेज कैंपस में ही अवस्थित एक भवन को बीएड कोर्स के लिए सुरक्षित किया जा रहा है. कॉलेज का अपना छात्रवास है, लेकिन इसकी स्थिति भी खराब है. विद्यार्थियों ने हाल ही में इसकी शिकायत कुलपति से भी की थी. कॉलेज प्राचार्य इसकी मरम्मत का कार्य करा रहे हैं. कॉलेज के लगभग हर फ्लोर में शौचालय हैं, लेकिन इनमें से कई बंद पड़े हुए हैं.

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