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अस्पतालों की गुणवत्ता पर नजर रखेगा हॉस्पिटल बोर्ड

रांची: सरकारी अस्पतालों के अलावा कॉरपोरेट अस्पताल एवं निजी अस्पताल मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन अस्पतालों की गुणवत्ता पर किसी का ध्यान नहीं है. अब निजी अस्पताल की गुणवत्ता पर नजर रखने एवं एनएबीएच की सदस्यता के लिए हॉस्पिटल बोर्ड की अहम भूमिका होगी. शीघ्र ही हॉस्पिटल बोर्ड एवं एनएबीएच […]

रांची: सरकारी अस्पतालों के अलावा कॉरपोरेट अस्पताल एवं निजी अस्पताल मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन अस्पतालों की गुणवत्ता पर किसी का ध्यान नहीं है. अब निजी अस्पताल की गुणवत्ता पर नजर रखने एवं एनएबीएच की सदस्यता के लिए हॉस्पिटल बोर्ड की अहम भूमिका होगी. शीघ्र ही हॉस्पिटल बोर्ड एवं एनएबीएच के बीच एमओयू होगा. इसके बाद एनएबीएच की मान्यता के लिए हॉस्पिटल बोर्ड अपनी सलाह देगा. इसके बाद ही यह मान्यता मिल पायेगी.
उक्त बातें रविवार को कश्यप मेमोरियल आइ हॉस्पिटल में आइएमए हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया (एचबीआइ) की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए चेयरमैन डॉ एसी अखौरी एवं सेक्रेटरी डॉ बीपी कश्यप ने कही. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जायेगा. डॉ बीपी कश्यप ने कहा कि हॉस्पिटल बोर्ड सरकार को ऐसे अस्पतालों के बारे में अवगत करायेगा, जो मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इसके बाद सरकार की जिम्मेदारी होगी कि वह उस पर कार्रवाई करे. सीएचएस एवं इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया से सूचीबद्ध अस्पतालों को भी सुझाव दिया जायेगा.
बैठक में डॉ भारती कश्यप, डॉ अमित मोहन, डॉ अजय सिंह, डॉ अनंत सिन्हा, डॉ लीना सिंह, डॉ आइएम सिंह, डॉ मृत्युंजय सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ आरएन प्रसाद, डॉ केके सिंह, डॉ बीके महतो, डॉ अनंत प्रकाश, डॉ सुधीर आर्या, डॉ रमण कुमार, डॉ मनोज कुमार, डॉ वीरेंद्र, डॉ सीएस प्रसाद, डॉ पीके चौधरी, डॉ एके चक्रवर्ती, डॉ सुशील कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद थे.
आइएमए के आजीवन सदस्य ही होंगे बोर्ड में
डॉ बीपी कश्यप ने कहा कि कॉरपोरेट एवं निजी अस्पताल के संचालक अगर चिकित्सक नहीं हैं, तो वह इस बोर्ड के सदस्य नहीं हो सकते हैं. अगर उन्हें सदस्यता लेनी है, तो आइएमए के आजीवन सदस्य यानी चिकित्सक को अपना प्रतिनिधि बनाना होगा. आइएमए के अध्यक्ष डॉ एके सिंह एवं सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा फॉर्म भरने के बाद अस्पताल का स्थल निरीक्षण किया जायेगा. इसके बाद क्वालिटी एक्रीडियेशन की ट्रेनिंग दी जायेगी.
मरीजों को लाभ होगा
वीमेंस डॉक्टर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने कहा कि हॉस्पिटल बोर्ड के गठन से अस्पतालों की क्वालिटी में सुधार होगा. इसका सीधा लाभ मरीजों को मिलेगा. अस्पताल में जो कमियां होंगी, उसे दूर करने के लिए बोर्ड अपना सुझाव देगा.

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