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आवास बोर्ड का कारनामा, ओपेन स्पेश में हो रहा है निर्माण कार्य
रांची: आवास बोर्ड पुन: वही गलती कर रहा है जो उसने एक दशक पूर्व बिल्डरों के हित में ज्वाइंट वेंचर करार मामले में किया था, जिसे सरकार ने वर्ष 2011 में रद्द कर दिया था. इस बार बोर्ड ने बिल्डरों को ऐसे भूखंडों को निर्माण कार्य के लिए दे रखा है जो बोर्ड के लेआउट […]
रांची: आवास बोर्ड पुन: वही गलती कर रहा है जो उसने एक दशक पूर्व बिल्डरों के हित में ज्वाइंट वेंचर करार मामले में किया था, जिसे सरकार ने वर्ष 2011 में रद्द कर दिया था. इस बार बोर्ड ने बिल्डरों को ऐसे भूखंडों को निर्माण कार्य के लिए दे रखा है जो बोर्ड के लेआउट प्लान में ओपेन स्पेश के रूप में चिह्न्ति हैं.
बोर्ड मुख्यालय कार्यालय के पीछे हो रहा खेल
हरमू कॉलोनी का पुराना हिस्सा, जिसे ओल्ड कॉलोनी भी कहा जाता है, के तीन स्थानों पर जी प्लस थ्री फ्लैट के निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है. इससे बोर्ड मुख्यालय कार्यालय के पीछे स्थित स्टाफ क्वार्टर के पास दो जी प्लस थ्री बिल्डिंग बनायी जानी है. यह स्थान टूके व थ्री के टाइप मकान से घिरा हुआ है. यहां बच्चे खेलते हैं. इलाके का यही एक मात्र खुला स्थान है. बोर्ड नक्शे में भी यह ओपेन स्पेस के रूप में चिह्न्ति है.
बोर्ड बिल्डर गंठजोड़
सूत्रों के अनुसार बोर्ड के एक चहेते बिल्डर ने इन स्थलों के चुनाव का सुझाव बोर्ड में दिया था. संभवत: वर्तमान एमडी को बोर्ड के पूर्व अधिकारियों व बिल्डर के गंठजोड़ का पता नहीं अन्यथा यह गलती संभव नहीं थी. इस बिल्डर के बारे में बताया जाता है कि रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो प्रमंडलों का 50 फीसदी काम उसी के हिस्से हैं.
विरोध करनेवालों पर प्राथमिकी : जब स्थानीय आवंटियों ने बिल्डर द्वारा ओपेन स्पेस में मौजूद पेड़-पौधों की कटाई का विरोध किया, तो कार्यपालक अभियंता, रांची ने अपने स्टाफ से विरोध करनेवाले व्यक्तियों को कार्यालय में बातचीत के लिए बुलवाया फिर उस पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवा दी.
नियम विरुद्ध काम
पुरानी कॉलोनी जो आवास विभाग द्वारा वर्ष 64-65 में निर्मित है. इसमें 50 एमआइजी मकान डबल स्टोरीज, 22 एमआइजी सिंगल स्टोरीज, 32 थ्री के, 18 टू के टाइप, 150 रेंटल (25 ब्लॉक) फ्लैट, 108 वीकर सेक्शन (नौ ब्लैक) एक कार्यपालक अभियंता का आवास, दो सहायक अभियंता का आवास, आठ स्टाफ क्वार्टर और आठ चतुर्थ श्रेणी कार्यालय, एक स्कूल (अधीक्षक अभियंता का कार्यालय) का निर्माण हुआ था. यह सारा निर्माण आवास बोर्ड के गठन (1972) के पूर्व का है. उस वक्त हरमू व बरियातू कॉलोनी जमशेदपुर डिविजन के अधीन थी. पुराने लेआउट में परिवर्तन करना नियम विरुद्ध है.
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