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मंत्री के पीए ने डॉक्टर से मांगी घूस!
राज्य में मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रखा है. रिश्वत मांगनेवालों की शिकायत करने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया है. उन्होंने लोगों से भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री को करने की अपील भी की है. मुख्यमंत्री के इस अभियान का ही असर है कि रिश्वत लेने के आरोप में पिछले सात […]
राज्य में मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रखा है. रिश्वत मांगनेवालों की शिकायत करने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया है. उन्होंने लोगों से भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री को करने की अपील भी की है. मुख्यमंत्री के इस अभियान का ही असर है कि रिश्वत लेने के आरोप में पिछले सात माह में 37 अधिकारियों/पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है.
इसके बाद भी कुछ ऐसे अफसर हैं, जो नहीं सुधर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. स्वास्थ्य मंत्री के सरकारी आप्त सचिव ने एक डॉक्टर को निलंबन मुक्त करने के लिए उनसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी. ऐसी घटनाओं से ही सरकार की बदनामी होती है.
एक लाख रुपये दो किस्तों में मांगा था सत्येंद्र नारायण सिंह ने पढ़िये दोनों की बातचीत की रिकॉर्डिग (हू-ब-हू)
सतीश कुमार
रांची : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के सरकारी आप्त सचिव (पीए) सत्येंद्र नारायण सिंह ने एक पूर्व सिविल सजर्न (वर्तमान में संताल परगना में पदस्थापित) को निलंबन मुक्त कराने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी.
डॉक्टर को घूस की रकम दो किस्तों में देने को कहा था. डॉक्टर और सत्येंद्र नारायण सिंह के बीच फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिग प्रभात खबर के पास मौजूद है. इन दोनों के बीच पैसों की लेन-देन को लेकर तीन दौर में करीब पांच मिनट तक बातचीत हुई.
प्रभात खबर के पास मौजूद रिकॉर्डिग में काम करने के लिए मंत्री के आप्त सचिव डॉक्टर से 50 फीसदी रकम अग्रिम मांग रहे हैं. वह पूरी राशि का भुगतान दो किस्तों में करने का निर्देश दे रहे हैं. वहीं डॉक्टर चार किस्तों में घूस की रकम देने की बात कहते हैं. फिलहाल डॉक्टर निलंबन मुक्त हो गये हैं.
उन्हें संताल परगना के एक अस्पताल में पदस्थापित भी कर दिया गया है. डॉक्टर को कुछ आरोपों के मद्देनजर एक उपायुक्त ने निलंबित कर दिया था. वह लगातार निलंबन मुक्त होने का प्रयास कर रहे थे.
पहली बातचीत : (2:33 मिनट)
पीए : : : हां.. साहब.
डॉक्टर : सर नमस्कार.
पीए : : हां नमस्कार.
डॉक्टर : इ कह रहे हैं कि कब मुलाकात करें
पीए : : आप क्यों मुलाकात करिएगा. आपका दिमाग खराब है. मत करिए मुलाकात.
डॉक्टर : सर कमवा कराना है न.
पीए : : कमवा करना है, तो आपको चिंता होनी चाहिए.
डॉक्टर : आप सर नाराज हो गये.
पीए : : आपका तो रोज सुनते हैं कि मुलाकात करेंगे.. फालतू.. क्यों मुलाकात करिएगा?
डॉक्टर : चिंता कैसे नहीं है? जुगाड़ हो जायेगा तब न.
पीए : : मत कीजिए जुगाड़..छोड़िए.. इ आपका प्रॉब्लम है. हमारा प्रॉब्लम थोड़े है.. मैंने कहा था, सुबह 11-12 बजे आने के लिए और आप रात को 10 बजे फोन कर रहे हैं. अब मत कीजिएगा. शाम को आठ बजे मेरे आवास पर आइए.
डॉक्टर : आप ही को हमलोग की रक्षा करनी है. आप पता कर लीजिएगा सत्येंद्र बाबू, हम कितना पैसा कमाये हैं.
पीए : : आप समूचा रंगा लिये हैं अपना कैरियर. फाइल मोटा कर लिये हैं. आप कहते हैं कि कुछ नहीं किये हैं.
डॉक्टर : नहीं.. तो आप ही न ठीक कीजिएगा.
पीए : : ठीक करने के लिए तो बोल ही रहे हैं.. आप हमेशा..
डॉक्टर : कह रहे हैं कि सर 25 दे रहे हैं जुगाड़ कर के.
पीए : : आप कल आयें. आठ बजे आवास पर आयें और 50 परसेंट के साथ आयें. तमाशा मत करियेगा. आपका समूचा कलम से धोने के लिए तैयार हैं और आप जो हैं रोते रह रहे हैं.
डॉक्टर : नहीं सत्येंद्र बाबू ऐसा मत बोलिये.. आपसे हम क्या कहें. बहुत कष्ट में हैं.
पीए : : जो करना है कर के आइये..चलिए..चलिए.. कल आइए.
डॉक्टर : आठ बजे रात में?
पीए : : हां-हां रात में.
दूसरी बातचीत : 0:38 मिनट
डॉक्टर : हैलो.. प्रणाम सर.
पीए : : कल फोन नहीं किये आप.
डॉक्टर : आप तो आज के लिए बोले थे न रात में.
पीए : : आप हमेशा गलतफहमी में पड़ जाते हैं.
डॉक्टर : आप परसो रात में आने को बोले थे न.
पीए : : अच्छा तो आप इस वक्त आ सकते हैं.
डॉक्टर : नहीं..नहीं सर अभी तो..
पीए : : : : ठीक है तो रात में आइए.
तीसरी बातचीत 2:43 मिनट
पीए : : हैलो
डॉक्टर : हां. प्रणाम सर
पीए : : प्रणाम, क्या डॉक्टर साब
डॉक्टर : इ का कहते हैं घरे पर आना होगा सर
पीए : : आपकी मरजी, अभी तो हम निकलनेवाले थे, 10 बजे तक हम निकल जाते हैं. संयोग से आज विलंब हो रहा है थोड़ा सा. आधे घंटे में हम निकल जायेंगे, तो घर पर तो फिर मुलाकात होगी नहीं.
डॉक्टर : जी हां सर
पीए : : इ सब ऐसा मामला है कि 10 लोगों के सामने आप हमसे मिलिएगा तो सबका एक्सपेक्टेशन बढ़ेगा. तो ज्यादा बेहतर होता. आप कहां हमसे मिलियेगा, बोलिए
डॉक्टर : न तो शहरे में न सर. आप निकल जाइयेगा, तो फिर तो आप टाउन में आ जाइयेगा न
पीए : : टाउन में आ जायेंगे… आ… मंत्रीजी के आवास पर आ जायेंगे. मंत्रीजी के आवास से फिर हम चले जायेंगे प्रोजेक्ट बिल्डिंग.. मंत्री जी के आवास पर हम होंगे, लेकिन वहां पर आपके पांडेय जी होंगे पीएस
डॉक्टर : अच्छा तो उनके सामने बात करना उचित है नहीं
पीए : : वही न. तो आप बाहर रह सकते हैं. आप वहां गेट के पास गाड़ी लगाइये, फिर हमको रिंग कीजियेगा, तो हम बाहरे आकर मिल लेंगे
डॉक्टर : तो सर उ.उ.. उसका का कहते हैं, जो आप बोले हैं, उसका इंतजाम करके आना होगा न सर
पीए : : तो खाली अभी तक क्यों पड़े हैं आप.. आपको काम में रुचि नहीं है लगता है
डॉक्टर : नहीं…. रुचि है सर, तो जुगाड़ हो पायेगा तब न सर.आपको मालुमे है, कितना खराब परिस्थिति हो गया है मेरा साथ
पीए : : तो मैं क्या करुं, आप तो बोले हैं, मैं क्या करुं
डॉक्टर : नहीं.. उ अमाउंट थोड़ा जादे हो जा रहा है, इसलिए
पीए : : अमाउंट जादा हो रहा है, तो आप पार्टली भी तो कर सकते हैं
डॉक्टर : सर थोड़ा-थोड़ा पार्टवाइज करें, सर
पीए : : हां दो किस्त में करिये..फिफ्टी अभी लाइए और फिफ्टी बाद में
डॉक्टर : नहीं, सर इ कहते हैं, चार किस्त में कीजिये सर, थोड़ा-थोड़ा करके करते हैं हम
पीए : : न.न .ओइसे नहीं फंसाइये… मत.
डॉक्टर : न न फंसाइयेंगे नहीं सर…25-25 हजार करके चार किस्त में हम धीरे-धीरे दे देते हैं सर. नहीं हो पा रहा है सर, न तो चार किस्त में हम कइसे कहते
पीए : : नहीं-नहीं, आप फिफ्टी परसेंट पहले ले आइये
डॉक्टर : नहीं न हो पा रहा है सर, इसलिए तो दिक्कत में न हैं. दिक्कत में आप साथ नहीं दीजियेगा, तो कौन साथ देगा. हमरा पास… एक तो कर्जा लेकर हम इंतजाम कर रहे हैं, आप से हम क्या बोले. किसी से एक लाख रुपये एक बार कर्जा मांगेगे, तो कइसे होगा. ओहो सोचेगा
पीए : : चलिए ठीक है..आपको जो करना है करें..कहां आइयेगा बोलिए ?
डॉक्टर : वहीं आते हैं सर, आप प्रोजेक्ट भवन से क्या कहते हैं, कै बजे लौट आइयेगा
पीए : : हम प्रोजेक्ट भवन में कब आयेंगे-जायेंगे..आप मंत्रीजी के आवास तरफ आकर रिंग कीजियेगा, हम जहां कहीं भी होंगे, आपसे मिल लेंगे..आप निकल जाइयेगा
डॉक्टर : ठीक है. ठीक है. प्रणाम सर उ फाइलवा करवा दीजिये सर.आप ही पर है
पीए : : अच्छा ठीक आइये
डॉक्टर : प्रणाम
पीए : : प्रणाम
क्या कहते हैं मंत्री के पीए
डॉक्टर ने ही पैसे पेशकश की थी : सत्येंद्र नारायण
स्वास्थ्य मंत्री के सरकारी आप्त सचिव (पीए) सत्येंद्र नारायण सिंह ने प्रभात खबर से कहा : डॉक्टर ने खुद पैसे की पेशकश की थी. वह कह रहे थे कि काम हो गया, तो हम कुछ खर्चा करना चाहते हैं.
यह सारी बात निलंबन मुक्त होने के बाद की है. वह रामगढ़ में सिविल सजर्न (सीएस) के रूप में पोस्टिंग चाहते थे. मेरे खिलाफ वही षड़यंत्र रच रहे हैं. पैसा मांगने की कोई बात नहीं है. हमने कभी उनको फोन नहीं किया. वह खुद हमको फोन करते थे. अब हम क्या करें.
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