रांची: डोमिसाइल (स्थानीयता) मामले पर अखिल भारतीय सरना धार्मिक – सामाजिक समन्वय समिति के 25 अक्तूबर के झारखंड बंद का झारखंड दिशोम पाटी, सीपीआइ (एमएल), पीपुल्स फ्रंट, झारखंड पार्टी, आदिवासी- मूलवासी जनाधिकार मंच, झारखंड पीपुल्स पार्टी, झारखंड छात्र संघ समेत 19 आदिवासी व मूलवासी संगठनों ने समर्थन किया है.
मंगलवार को सहयोगी संगठनों की बैठक मोरहाबादी स्थित संगम गार्डेन में हुई. इसमें समन्वय समिति व ड्रा¨फ्टग कमेटी का गठन किया गया. इस अवसर पर धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि डोमिसाइल का मसला माटी की लड़ाई बन गयी है. झारखंड बने 13 साल हो गये, पर डोमिसाइल का निर्धारण नहीं हुआ. यहां के लोगों को न नौकरी मिल रही है, न कोई अन्य रोजगार. चारों ओर लूट मची है. आदिवासियों व मूलवासियों को मिल कर इस लड़ाई को लड़ना होगा. 18 को जमशेदपुर में सभा होगी.
समन्वय समिति
राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के धर्मगुरु बंधन तिग्गा, प्रो प्रवीण उरांव, शिवा कच्छप, झारखंड दिशोम पार्टी से सालखन मुमरू, झारखंड पीपुल्स पार्टी से सूर्य सिंह बेसरा, झारखंड छात्र संघ से एस अली, आदिवासी जन परिषद से प्रो सतीश कुमार भगत, सुशील उरांव व बेलखस कुजूर, झारखंड प्रदेश बुद्धिजीवी मंच से डॉ करमा उरांव, बेदिया विकास परिषद से सत्यनारायण बेदिया, आदिवासी लोहरा समाज से अभय भुटकुंवर, आदिवासी मूलवासी छात्र मोर्चा से कमलेश राम, सीपीआई (एमएल) से भुवनेश्वर केवट, पीपुल्स फ्रंट से अरुण प्रधान, झारखंड पार्टी से लाल रणविजय नाथ शाहदेव, एआइएसएफ से पावेल कुमार, झारखंड साहित्य परिषद से डॉ बीपी केशरी, आदिवासी महासभा से राजू पाहन, अखिल भारतीय माझी परगनैत से सोना राम सोरेन, अदिवासी सेंगल अभियान से हराधन मांझी व आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच से डॉ आरपी साहू व राजू महतो शामिल हैं. ड्राफ्टिंग कमेटी में प्रेम शाही मुंडा (संयोजक), डॉ करमा उरांव, सालखन मुमरू, सूर्य सिंह बेसरा, एस अली, प्रो प्रवीण उरांव, बेलखस कुजूर, सुशील उरांव, छत्रपति शाही मुंडा, प्रो खालिक अहमद, डॉ बीपी केशरी व लाल रणविजयनाथ शाहदेव शामिल हैं.