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झिरी में बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट
स्टीयरिंग कमेटी का अनुमोदन : मणिपाल ग्रुप करेगा रेडियोलॉजी टेस्ट मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डीपीआर बनाने का निर्देश बीसीसीएल व टीएमएच अपने जिलों में करेंगे ट्रीटमेंट रांची : राज्य भर के जिलों तथा मेडिकल कॉलेजों में 25 रेडियोलॉजी (सीटी स्कैन, एमआरआइ व अन्य) सेंटर बनेंगे. इसका संचालन मणिपाल ग्रुप करेगा. बदले में ग्रुप […]
स्टीयरिंग कमेटी का अनुमोदन : मणिपाल ग्रुप करेगा रेडियोलॉजी टेस्ट
मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डीपीआर बनाने का निर्देश
बीसीसीएल व टीएमएच अपने जिलों में करेंगे ट्रीटमेंट
रांची : राज्य भर के जिलों तथा मेडिकल कॉलेजों में 25 रेडियोलॉजी (सीटी स्कैन, एमआरआइ व अन्य) सेंटर बनेंगे. इसका संचालन मणिपाल ग्रुप करेगा. बदले में ग्रुप सरकार को 32 लाख का राजस्व देगा. स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग कमेटी ने इस पर सहमति दे दी है. कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल गयी है. पीपीपी मोड में संचालित इन सेंटरों पर बीपीएल मरीजों की नि:शुल्क जांच होगी. एपीएल को यह सुविधा केंद्र की सीजीएचएस दर पर मिलेगी.
झिरी में मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट जल्द लगाने पर भी चर्चा हुई. गौरतलब है कि इसके लिए जमीन सरकार ने पहले ही आवंटित कर दी है. मुख्य सचिव राजीव गौबा ने प्लांट का डीपीआर बनाने का निर्देश दिया.
हाइकोर्ट की मॉनीटरिंग के मद्देनजर उन्होंने राज्य के सभी नर्सिग होम, रेडियोलॉजी सेंटर, मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों से जैव चिकित्सा अवशिष्ट के निस्तारीकरण के उपाय करने को कहा है. कमेटी ने इस बात पर भी सहमति जतायी कि जमशेदपुर में टाटा मेन हॉस्पिटल व धनबाद में बीसीसीएल का अस्पताल पूरे जिले के बायो मेडिकल वेस्ट का ट्रीटमेंट करें. मुख्य सचिव ने कहा कि आइएमए के जरिये यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी नर्सिग होम, रेडियोलॉजी सेंटर, मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निस्तारीकरण हो. बैठक में विकास आयुक्त आरएस पोद्दार, वित सचिव अमित खरे, योजना सचिव एके सिंह, स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर, नगर विकास सचिव अरुण कुमार व निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य) सुमंत मिश्र व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
आइएफसी ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के समक्ष दिया प्रेजेंटेशन
प्रक्रिया चार-पांच माह में पूरी हो जायेगी
रांची : सदर अस्पताल परिसर, रांची स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल संचालन के लिए सरकार अब दूसरा मोड तलाश रही है.
अस्पताल संचालन शुरू करने से मेदांता के हाथ खींच लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने यह प्रयास शुरू किया है. इसके तहत दो विकल्पों पर बात हो रही है या तो पहले की तरह किसी प्राइवेट पार्टनर की तलाश हो, जो सरकार को तय वार्षिक शुल्क देकर अस्पताल का संचालन करे. या फिर सरकार अस्पताल संचालन के लिए चयनित पार्टी को संचालन का फंड देकर अपनी शर्तो पर अस्पताल चलाये. इन दोनों मोड से पहले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल संचालन का री-टेंडर करना होगा. प्राइवेट पार्टनर की तलाश वर्ल्ड बैंक से संबद्ध इंटरनेशनल फिनांस कॉरपोरेशन (आइएफसी) के सहयोग से ही होगा.
आइएफसी ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के समक्ष इसका प्रेजेंटेशन दिया है. वहीं मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री के समक्ष भी प्रेजेंटेशन दिया जाना है. सूत्रों के अनुसार सरकार सहमत हुई, तो पूरी प्रक्रिया अगले चार-पांच माह में पूरी कर ली जायेगी.
इधर मंत्री ने कहा : बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री के नेपाल हाउस स्थित कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के संचालन संबंधी सवाल करने पर उन्होंने कहा कि सरकार ही अस्पताल चलायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि दो-तीन तरीके पर बात हो रही है. हमलोग दो-तीन दिन में बैठक करके तय कर लेंगे. मंत्री ने कहा कि एक-दो माह में अस्पताल का संचालन शुरू हो जायेगा.
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