मदुरै. डीएनए परीक्षण की रिपोर्ट से एक महिला के दावे की पुष्टि हुई कि उसका 2002 में हत्या नहीं हुई है और वह जिंदा है, जिसके बाद मद्रास हाइकोर्ट ने उस मामले में गिरफ्तार चार लोगों को चार-चार लाख का मुआवजा देने के आदेश दिये. साथ ही हाइकोर्ट की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति एस नगामुथु ने तूतीकोरिन की एक जिला अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि मेकाला नामक महिला की हत्या की गयी है. बहरहाल, निचली अदालत ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया था. न्यायाधीश ने हालांकि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने से इनकार किया, जिन्होंने गलत तौर पर महिला को मृत घोषित किया था. उन्होंने कहा कि सरकार को उन चार लोगों को मुआवजा देना चाहिए, जिन्हें 93 दिन तक जेल में रखा गया और उन्हें मानसिक तकलीफें पहुंचाई गयीं. उल्लेखनीय है कि छह जुलाई को न्यायाधीश ने मेकाला और उसके पिता को डीएनए परीक्षण कराने के आदेश दिये थे.
डीएनए परीक्षण से महिला के इस दावे की पुष्टि हुई कि वह जिंदा है
मदुरै. डीएनए परीक्षण की रिपोर्ट से एक महिला के दावे की पुष्टि हुई कि उसका 2002 में हत्या नहीं हुई है और वह जिंदा है, जिसके बाद मद्रास हाइकोर्ट ने उस मामले में गिरफ्तार चार लोगों को चार-चार लाख का मुआवजा देने के आदेश दिये. साथ ही हाइकोर्ट की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति एस नगामुथु […]
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