Advertisement
निजी स्कूलों को नहीं मिलते बीपीएल बच्चे
लापरवाही. राजधानी में बीपीएल बच्चों के लिए 807 सीट, लक्ष्य की तुलना में 60 प्रतिशत से भी कम नामांकन वर्ष 2015-16 में मात्र 292 बच्चों का नामांकन सुनील कुमार झा रांची : राजधानी के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बीपीएल बच्चे नहीं मिलते. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को इंट्री क्लास के […]
लापरवाही. राजधानी में बीपीएल बच्चों के लिए 807 सीट, लक्ष्य की तुलना में 60 प्रतिशत से भी कम नामांकन
वर्ष 2015-16 में मात्र 292 बच्चों का नामांकन
सुनील कुमार झा
रांची : राजधानी के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बीपीएल बच्चे नहीं मिलते. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को इंट्री क्लास के कुल सीट के 25 फीसदी सीट पर बीपीएल बच्चों का नामांकन लेना है. इसके तहत राजधानी के स्कूलों में बीपीएल बच्चों के लिए कुल 807 सीट आरक्षित हैं. वर्ष 2015-16 में इनमें से मात्र 292 बच्चों का नामांकन हुआ.
इनमें से 515 सीट रिक्त हैं. स्कूलों द्वारा शिक्षा विभाग को सौंपे गये लिस्ट में बताया गया है कि नामांकन के लिए बीपीएल बच्चों का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ, इस कारण लक्ष्य के अनुरूप नामांकन नहीं हो पाया. रांची के 53 निजी स्कूलों में से लगभग आधा दर्जन स्कूल ऐसे भी हैं, जहां लक्ष्य के अनुरूप नामांकन हुआ. वहीं अधिकतर स्कूल ऐसे हैं, जहां निर्धारित सीट की तुलना में दस फीसदी बच्चों का नामांकन नहीं हुआ.
स्कूल द्वारा नामांकन नहीं लेने के मुख्य कारण आवेदक का उपलब्ध नहीं होना बताया जाता है. प्रावधान के अनुरूप स्कूलों द्वारा नामांकन के लिए जारी विज्ञप्ति में बीपीएल बच्चों के नामांकन से संबंधित सूचना भी देना है, पर अधिकतर विद्यालय विज्ञप्ति में बीपीएल बच्चों के नामांकन का जिक्र तक नहीं करते. जिलों में जिला शिक्षा अधीक्षक को शिक्षा के अधिकार अधिनियम का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है, पर वे भी केवल निर्देश जारी कर अपना काम पूरा समझ लेते हैं.
सरकार ने तय की फीस : राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम वर्ष 2011 से प्रभावी है. सरकार द्वारा चार वर्ष बाद जून 2015 में निजी स्कूल में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों का शुल्क निर्धारित किया गया. एक बीपीएल बच्चे के लिए सरकार निजी स्कूल को प्रतिमाह 425 रुपये देगी.
निजी स्कूलों में वर्ष 2011 से बीपीएल बच्चों का नामांकन लिया जा रहा था, पर शुल्क निर्धारण नहीं होने के कारण अब तक स्कूलों को बीपीएल बच्चों की फीस नहीं दी गयी थी. शुल्क नहीं मिलने के कारण स्कूल भी बच्चों के नामांकन से कतराते थे.
राज्य में नामांकन की स्थिति
राज्य में सबसे अधिक बीपीएल बच्चों का नामांकन वर्ष 2013-14 में हुआ था. वर्ष 2013-14 में 3398 बच्चों का नामांकन हुआ था, जबकि सबसे कम नामांकन वर्ष 2011-12 में हुआ. वर्ष 2011-12 में 692 बच्चों का नामांकन लिया गया था.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement