आपस में बैठ कर समाधान निकालें, जवाब दाखिल करेंमामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगीमामला नक्सलाइट-सनलाइट के खूनी संघर्ष से पलायन कर गये लोगों के पुनर्वास कारांची . झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को नक्सलाइट-सनलाइट के खूनी संघर्ष से पलायन कर गये लोगों के पुनर्वास को लेकर दायर जनहित याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए गढ़वा के उपायुक्त व डीएफओ को मिल बैठ कर समाधान निकालने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट को अवगत कराने की बात कही गयी है.खंडपीठ ने कहा कि सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र में कहा गया कि वर्ष 1989-90 में नक्सलाइट-सनलाइट के खूनी संघर्ष में सौ से अधिक परिवार गांव से पलायन कर गये थे. दूसरी जगह पर बस गये. जहां लोग बसे हुए हैं, उसका कुछ हिस्सा वन भूमि में पड़ता है. उक्त अधिकारी इस मामले के समाधान के दिशा में तौर तरीका खोजें. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से राजकीय अधिवक्ता राजेश शंकर ने पक्ष रखा. गौरतलब है कि प्रार्थी सामाजिक परिवर्तन केंद्र की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.
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गढ़वा के डीसी व डीएफओ को हाइकोर्ट का निर्देश
आपस में बैठ कर समाधान निकालें, जवाब दाखिल करेंमामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगीमामला नक्सलाइट-सनलाइट के खूनी संघर्ष से पलायन कर गये लोगों के पुनर्वास कारांची . झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को नक्सलाइट-सनलाइट के खूनी संघर्ष से पलायन कर गये लोगों के पुनर्वास को लेकर दायर जनहित याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई. चीफ […]
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